जंग हुई तो ‘ए सैट’ होगी सबसे बड़ा हथियार
भारत अंतरिक्ष में सुरक्षा के लिए एंटी सैटेलाइट मिसाइल का सफल परीक्षण के बाद दुनिया की चौथी महाशक्ति बन गया है।
जंग हुई तो ‘ए सैट’ होगी सबसे बड़ा हथियार |
यह तकनीक जंग की स्थिति में एक बड़ा हथियार साबित होगी।
डीआरडीओ के चेयरमैन जी. सतीश रेड्डी ने भी कहा कि हमने दुनिया को बता दिया है कि हम सैटेलाइट्स को कुछ सेंटीमीटर पास जाकर भी गिरा सकते हैं। डीआरडीओ के पूर्व प्रमुख डॉ. वीके सारस्वत का कहना है कि अगर विरोधी देशों ने अंतरिक्ष में हथियार तैनात किए, तो भारत उनका मुकाबला करने की स्थिति में होगा।
रक्षा विशेषज्ञ (कर्नल) यूएस राठौड़ के मुताबिक जिस देश के पास यह तकनीक होती है, माना जाता है कि जंग होने की स्थिति में वह अतिरिक्त फायदे में होता है। ऐसी तकनीक दुश्मन के किसी भी सैटेलाइट को जाम कर सकती है या नष्ट कर सकती है।
ऐसा करने पर दुश्मन को अपने सैनिकों के मूवमेंट या परमाणु मिसाइलों की पोजिशनिंग करने में परेशानी आ सकती है। भारत के इस तकनीक को हासिल करने के ये मायने हैं कि चीन या पाकिस्तान से जंग होने की स्थिति में सही समय पर इसका इस्तेमाल करने पर यह मिसाइल देश का सबसे बड़ा हथियार होगी। डीआरडीओ के पूर्व प्रमुख डॉ. सारस्वत ने इस उपलब्धि पर कहा कि भारत की अंतरिक्ष को मिलिट्राइज करने की योजना नहीं है, लेकिन अगर दुनिया या हमारे विरोधी राष्ट्र अंतरिक्ष में हथियारों की तैनाती करते हैं तो भारत के पास उनका मुकाबला करने की अब ताकत है।
यह मिसाइल कर देगी दुश्मन देश में ब्लैक आउट : राठौड़ के मुताबिक बताया कि युद्ध शुरू होने से ऐन पहले दुश्मन के सैटेलाइट को निशाना बनाने से उसकी संचार व्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी। ऐसे में ऑडियो और विजुअल की कमी से दुश्मन देश में ब्लैक आउट की स्थिति पैदा हो जाएगी। नेविगेशन और जासूसी से जुड़े मिलिट्री सैटेलाइट अंतरिक्ष में काफी लो एल्टीट्यूड पर होते हैं।
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