कांग्रेस ए-सैट की सफलता का श्रेय नहीं ले सकती : जेटली

Last Updated 27 Mar 2019 08:59:49 PM IST

केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने भारत के 'मिशन-शक्ति' को ऐतिहासिक करार देते हुए बुधवार को कहा कि देश की सुरक्षा को उन्नत करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन में यह सफलता मील का पत्थर है।


केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली

वरिष्ठ भाजपा नेता केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने उपग्रह रोधी मिसाइल 'ए-सैट' का श्रेय लेने के लिए कांग्रेस की आलोचना की। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों में एक दशक पहले ही इस मिसाइल को बनाने की क्षमता थी, लेकिन तत्कालीन सरकार ने उनको अनुमति नहीं दी।

जेटली ने संवाददाताओं से कहा, "यह ऐतिहासिक दिन है। जो क्षमता हमने आज हासिल की है, वह पहले सिर्फ अमेरिका, रूस और चीन के पास थी।" इससे कुछ ही घंटों पहले प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि ए-सैट मिसाइल ने अंतरिक्ष में 300 किलोमीटर दूर पृथ्वी की निचली कक्षा में एक लाइव सैटेलाइट (उपग्रह) को सफलतापूर्वक निशाना बनाया है।

जेटली ने कहा कि भारत ने अप्रैल 2012 में जब अग्नि-5 मिसाइल का परीक्षण किया था, उस समय डीआरडीओ प्रमुख वी. के. सारस्वत ने कहा था कि भारत अब उपग्रह भेदी मिसाइल बना सकता है, लेकिन सरकार ने इसकी मंजूरी नहीं दी।

वित्तमंत्री ने कहा, "पिछले दशक से ही देसी प्रौद्योगिकी और वैज्ञानिक तैयार थे, लेकिन अनुमति देने को लेकर सरकार में कोई स्पष्टता नहीं थी। जो लोग अपनी विफलता के लिए अपनी पीठ थपथपा रहे हैं, उनको याद होना चाहिए कि उनकी कहानी में कई निशान हैं। प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) की अनुमति के बाद इस प्रक्रिया की शुरुआत 2014 में हुई।"

उन्होंने कहा, "यह बड़ी उपलब्धि है। हम न सिर्फ अंतरिक्ष शक्ति बन गए हैं, बल्कि अब हम चार बड़ी शक्तियों में शामिल हो गए हैं। हमें नहीं भूलना चाहिए कि आने वाले कल की जंग अब बीते कल की जंग नहीं होगी। यह देश के हित में हुआ है और इसकी खासियत यह है कि यह सौ फीसदी देसी है। भारत ने विनाश करने की शक्ति हासिल कर ली है।"

इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि इस मिशन की 'आधारशिला' संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दौरान 2012 में ही रखी गई थी।

जेटली ने कहा, "इससे न सिर्फ सुरक्षा को मजबूती मिली है, बल्कि इस क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए हम दूसरों को भी बाध्य करने में सक्षम हुए हैं।"

उन्होंने विपक्ष के उन आरोपों को खारिज कर दिया, जिनमें कहा गया कि प्रधानमंत्री ने प्रचार के लिए डीआरडीओ की सफलता की घोषणा की, जोकि आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) का उल्लंघन है।

वित्तमंत्री ने कहा कि जहां तक एमसीसी के उल्लंघन का सवाल है तो भारत का परमाणु कार्यक्रम नया नहीं है बल्कि यह सतत कार्यक्रम है।



उन्होंने कहा, "इस पर इसलिए विराम नहीं लग सकता कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री या किसी अन्य राजनेता को नहीं भाता। यह पूरे साल 365 दिन जारी रहेगा चाहे चुनाव हो या नहीं।"

इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मोदी पर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री का सीमाहीन नाटक और प्रचार का हथकंडा है।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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