प्रियंका की इंदिरा वाली अपील को दक्षिण भारत में भुनाएगी कांग्रेस!
कांग्रेस में इस पर गंभीरता से विचार हो रहा है कि क्यों न प्रियंका गांधी वाड्रा की इंदिरा गांधी वाली अपील को दक्षिण भारत में भुनाने की कोशिश की जाए। इसके लिए यूपी के प्रचार में उनके कम समय देने के बारे में भी विचार किया जा रहा है।
प्रियंका गांधी वाड्रा (फाइल फोटो) |
कांग्रेस के चुनाव प्रबंधक दक्षिण में प्रियंका को इसलिए भी लगाने की सोनिया और राहुल गांधी को राय दे रहे हैं क्योंकि कर्नाटक को छोड़कर दक्षिण के बाकी राज्यों तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना में पार्टी कमजोर है। केरल में भी पार्टी को मुश्किल जा सकती है।
बताया जा रहा है कि तमिलनाडु में द्रमुक नेता एमके स्टालिन और उनकी बहन कनिमोझी और आंध्र प्रदेश में तेलगू देशम नेता चंद्रबाबू नायडू ने भी प्रियंका से प्रचार कराने की डिमांड राहुल के समक्ष रखी है। द्रमुक के साथ मिलकर चुनाव लड़ने को लेकर फार्मूला तय हो गया है और आंध्र प्रदेश में भी तेलगू देशम के साथ दोस्ताना फामरूले पर काम चल रहा है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह कहते हैं कि प्रियंका दक्षिण में पार्टी के लिए अधिक उपयोगी हो सकती हैं क्योंकि दक्षिण में इंदिरा गांधी के प्रति अधिक आस्था है। हालांकि जब उनसे यह पूछा गया कि क्या उन्होंने पार्टी को इस बारे में कोई राय दी है तो उन्होंने कहा कि यह उनकी निजी राय है।दक्षिण में प्रियंका से अधिक प्रचार कराए जाने के पक्षधर नेताओं का यह भी कहना है कि दक्षिण के राज्य प्राय: उत्तर के राज्यों से अलग ढंग से वोटिंग करते आए हैं।
कहा जा रहा है कि प्रियंका को अधिक लगाए जाने से आंध्र प्रदेश में भी कांग्रेस को फायदा होगा, जहां तेलंगाना राज्य बनाए जाने के बाद से पार्टी का आधार खिसक गया है। कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए-एक और यूपीए-दो सरकार बनाए जाने में आंध्र प्रदेश की बड़ी भूमिका रही थी। 2014 के चुनाव में बड़ी संख्या में कांग्रेस के नेता दक्षिण के दो राज्य केरल और कर्नाटक से ही चुनकर आए थे।
बताया जा रहा है कि प्रियंका के कर्नाटक,केरल समेत दक्षिण के राज्यों में प्रमुख प्रचारक के रूप में भूमिका निभाने को लेकर संगठन मामलों के महासचिव केसी वेणुगोपाल काम कर रहे हैं। वेणुगोपाल कर्नाटक के भी प्रभारी हैं। प्रियंका के दक्षिण भारत में प्रचार को लेकर राहुल गांधी की टीम के अहम सदस्य के राजू भी सक्रिय हैं।
| Tweet |