राज्य करें छोटे किसानों की पहचान
केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को बजट में घोषित प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ पहुंचाने के लिए छोटे एवं सीमांत किसानों की पहचान करने को कहा है।
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इस योजना को एक दिसम्बर 2018 से लागू किया गया है और मार्च के अंत तक इसकी पहली किस्त चुकाई जानी है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने शनिवार को इसकी जानकारी दी।
सरकार ने चालू वित्त वर्ष में अनुमानित 12 करोड़ किसानों की मदद के लिए इस योजना को 20 हजार करोड़ रुपए पहले ही आवंटित कर दिया है। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को बजट भाषण में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की घोषणा की। इसके तहत दो हेक्टेयर यानी पांच एकड़ तक की जमीन वाले किसानों को प्रति वर्ष छह हजार रुपए दिये जाएंगे।
कुमार ने बताया कि कृषि सचिव ने चिट्ठी में सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को गांवों के छोटे किसानों की सूची तैयार करने को कहा है जिसमें किसान का नाम, लिंग और यह जानकारी होगी कि वे एससी/एसटी श्रेणी के तो नहीं हैं। इसे ग्राम पंचायत के नोटिस बोर्ड पर भी लगाया जाएगा ताकि चालू वित्त वर्ष के दौरान जल्दी से जल्दी पैसे वितरित किए जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि एक फरवरी तक जमीनों के रिकार्ड में जिन किसानों के नाम आ चुके हैं वे इस योजना के लिए योग्य होंगे। कुमार ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में इस योजना को लागू करने में समय लग सकता है क्योंकि वहां जमीनों का स्वामित्व समुदाय के आधार पर होता है।
यह पूछे जाने पर कि सालाना छह हजार रुपए यानी मासिक 500 रुपए की मदद किसानों के लिए पर्याप्त होगी, कुमार ने कहा, ‘500 रुपए किसानों के लिए छोटी राशि नहीं है।
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