प्रवासी सम्मेलन में बोले मोदी- लोग कहते थे कि भारत बदल नहीं सकता, यह सोच हमने बदली

Last Updated 22 Jan 2019 12:37:34 PM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को प्रवासी भारतीयों को भारत का ब्रांड एंबेसडर बताते हुए कहा कि वे देश की क्षमताओं और योग्यताओं के प्रतीक हैं।


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

प्रधानमंत्री ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 15वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के उद्घाटन के दौरान यह बात कही।     

उन्होंने वहां मौजूद लोगों से कहा, ‘‘मैं प्रवासी भारतीयों को भारत का ब्रांड एंबेसडर मानता हूं। वे हमारी क्षमताओं और योग्यताओं का प्रतीक हैं।’’    

मोदी ने कहा, ‘‘भारतीय मूल के लोग मॉरीशस, पुर्तगाल और आयरलैंड जैसे देशों में नेतृत्व कर रहे हैं।’’     

मोदी ने कहा कि बनारस नगरी चिरकाल से भारत की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और ज्ञान की परंपरा से दुनिया में देश का परिचय कराती रही है, आप (प्रवासी भारतीय) अपने दिलों में भारत और भारतीयता को संजोए हुए, इस धरती की ऊर्जा से दुनिया को परिचित करा रहे हैं।

उन्होंने कहा, "आप सभी के सहयोग से बीते साढ़े चार वर्षों में भारत ने दुनिया में अपना स्वभाविक स्थान पाने की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाया है, पहले लोग कहते थे कि भारत बदल नहीं सकता, हमने इस सोच को ही बदल दिया है। आज भारत दुनिया की तेजी से बढ़ती इकोनॉमिक ताकत हैं तो स्पोर्ट्स में भी हम बड़ी शक्ति बनने की तरफ निकल पड़े हैं, आज इंफ्रास्ट्रक्चर के बड़े और आधुनिक संसाधन बन रहे हैं तो स्पेस के क्षेत्र में भी रिकॉर्ड बना रहे हैं।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफॉर्म और सबका साथ, सबका विकास के सूत्र पर हम काम कर रहे हैं।

मोदी ने राजीव गांधी का नाम लिए बिना उनकी टिप्पणी कि 'एक रुपये में से महज 15 पैसे ही लोगों तक पहुंच पाते हैं' का जिक्र करते हुए कहा कि एक पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा था कि दिल्ली से भेजे गए एक रुपये में 15 पैसा ही लोगों तक पहुंचता है। इतने वर्ष तक जिस पार्टी ने शासन किया, उसी पार्टी के प्रधानमंत्री भी कुछ नहीं कर पाए। इस लीकेज को बंद करने के लिए आगे के कई साल के शासन में कोई कदम नहीं उठाया गया। हमारी सरकार ने 85 फीसदी की इस लीक को पूरी तरह से खत्म कर दिया, अब विभिन्न कामों की राशि बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर की जाती है। यह सुधार पहले भी हो सकता हैं, लेकिन नीयत नहीं थी।

पहली बार यह सम्मेलन नौ जनवरी की बजाय 21 से 23 जनवरी के बीच तीन दिन के लिए आयोजित किया जा रहा है, ताकि यहां आने वाले लोग प्रयागराज में कुम्भ मेले और फिर राष्ट्रीय राजधानी में गणतंत्र दिवस परेड कार्यक्रम में शिरकत कर सकें।     

प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि इस साल सम्मेलन की थीम ‘नए भारत के निर्माण में भारतवंशियों की भूमिका’ है।

समयलाइव डेस्क/भाषा
वाराणसी


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