योजनाओं को आधार से जोड़ने की बढ़ेगी मियाद

Last Updated 23 Feb 2018 03:14:31 AM IST

सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिया है कि आधार को विभिन्न योजनाओं एवं सुविधाओं से जोड़ने की आखिरी तारीख बढ़ाई जा सकती है.


योजनाओं को आधार से जोड़ने की बढ़ेगी मियाद

फिलहाल 31 मार्च तक सभी को मोबाइल फोन, बैंक खातों तथा म्युचल फंड आदि वित्तीय लेनदेन के खातों को आधार से लिंक करना है. 

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अर्जन कुमार सीकरी, अजय खानविलकर, धनंजय चंद्रचूड़ और अशोक भूषण की संविधान पीठ के समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रमण्यम और श्याम दीवान ने कहा कि 31 मार्च की मियाद नजदीक आते ही मोबाइल फोन पर संदेशों की बाढ़ आ गई है.

मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर उपभोक्ताओं को 31 मार्च तक फोन नंबर आधार से लिंक कराने का दबाव डाल रहे हैं. जस्टिस सीकरी ने भी इस बात की पुष्टि की और कहा कि उनके पास भी हर रोज कई मैसज आ रहे हैं. मैं भी भुक्तभोगी हूं.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह उचित समय पर उचित आदेश पारित करेगा.  वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रमण्यम ने अपनी दलीलें जारी रखते हुए कहा कि सरकार आधार की बदौलत कई हजार करोड़ रुपए बचाने का दावा कर रही है लेकिन हकीकत यह है कि आधार के कारण आम नागरिक को राशन जैसी मूल सुविधाओं से भी वंचित किया जा रहा है.

सार्वजनिक वितरण पण्राली (पीडीएस) के तहत आधार को जरूरी कर दिया गया है. आधार का मिलान न होने पर राशन की दुकानों से गेहूं, चावल आदि वस्तुएं भी मुहैया नहीं कराई जाती. सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश को ताक पर रखकर आधार को अनिवार्य कर दिया गया.

नतीजतन, राशन न मिलने पर कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा. देश की सर्वोच्च अदालत के आदेश की अवहेलना की गई. राशन के अभाव में जिन लोगों की मौत हुई, उनके परिजन को मुआवजा प्रदान किया जाए. सुप्रीम कोर्ट सरकार को इस संबंध में उचित निर्देश जारी करे. गोपाल सुब्रमण्यम ने कहा कि पीडीएस आदि योजनाओं में आधार को एक सहायक यंत्र के तौर पर इस्तेमाल करने की जरूरत थी. लेकिन कार्यपालिका ने इसे अनिवार्य कर दिया.
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विवेक वार्ष्णेय
सहारा न्यूज ब्यूरो


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