ट्रेन हादसा: प्रधानमंत्री की निगरानी में राहत कार्य
कालका मेल ट्रेन में हुए हादसे के राहत कार्यों पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह खुद नज़र बनाए हुए हैं.
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प्रधानमंत्री के पास ही रेल मंत्रालय की जिम्मेदारी है, इसलिए वह खुद ही मलवां स्टेशन पर हुए रेल हादसे के पूरे घटनाक्रम और राहत कार्यों पर नज़र रख रहे हैं.
इसके अलावा रेल मंत्रालय ने हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए रेल सुरक्षा कमिश्नर पीके बाजपेयी की अगुवाई में एक उच्चस्तरीय कमेटी के गठन की घोषणा भी की है.
दूसरी तरफ हावड़ा से दिल्ली जा रही कालका मेल ट्रेन हादसे में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. अभी भी दुर्घटनाग्रस्त कोचों से शवों को निकालने का काम जारी है.
इस बीच नेताओं और वीआईपी लोगों का घटनास्थल और आसपास के अस्पतालों में पहुंचने का सिलसिला जारी है. रेल राज्यमंत्री के एच मुनियप्पा, बसपा प्रदेश अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनय मित्तल सभी मौके पर पहुंचे और घटना को लेकर दुख जताया. कई और राजनेताओं के मौके पर पहुंचने की उम्मीद है.
मालूम हो कि हावड़ा से दिल्ली जा रही कालका मेल रविवार दोपहर लगभग 12 बजकर 20 मिनट पर मलवां स्टेशन के समीप पहुंची ही थी कि उसके डिब्बे पटरी से उतर गये. ट्रेन की गति 108 किमी प्रति घंटा थी. मलवां स्टेशन लखनऊ से करीब 120 किमी दूर है.
क्षतिग्रस्त वातानुकूलित डिब्बे और अन्य डिब्बों में फंसे यात्रियों और शवों को बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान अभी भी जारी है.
कुछ बोगियां कम क्षतिग्रस्त हुई हैं जबकि कुछ बोगियां तो धातु के ढेर में तब्दील हो गई हैं. वातानुकूलित और अन्य डिब्बों में फंसे यात्रियों को बाहर निकालने के लिए गैस कटर और अन्य उपकरणों की मदद से धातु को काटा गया.
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