मैं राजभवन का कैदी हूं: हंसराज भारद्वाज
अपनी रिपोर्ट खारिज किए जाने से निराश राज्यपाल हंसराज भारद्वाज ने गुरुवार को खुद को राजभवन का कैदी करार दिया.
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कर्नाटक के राज्यपाल हंसराज भारद्वाज ने येदियुरप्पा सरकार को खारिज कर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की थी.
इस सिफारिश को केंद्र सरकार ने खारिज कर दिया था.
भारद्वाज ने राजभवन में हुए गुरुवार को एक कार्यक्रम में कहा कि मेरे सहित हर कोई कैदी है. मैं राजभवन का कैदी हूं. हालांकि, अशांत समय में साहित्य मेरी मदद करता है.
राज्यपाल उनके और राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा के बीच हुए हालिया राजनीतिक विवाद का जाहिरा तौर पर संदर्भ दे रहे थे. यह विवाद बी एस येदियुरप्पा सरकार को बर्खास्त करने की उनकी सिफारिश के चलते उत्पन्न हुआ था. केंद्र यह सिफारिश खारिज कर चुका है.
कन्नड़ के जाने माने कवि के वी पुट्टप्पा की कृतियों के संदर्भ में उन्होंने कहा कि मैं दार्शनिक नहीं हूं और न ही नेता हूं. जब कभी मैं इन क्षेत्रों का रुख करता हूं, मैं गलतियां कर बैठता हूं. मुझे अक्सर नेता माना जाता है लेकिन असल में मैं वकील हूं और मैं एक सख्त वकील हूं.
कवि की कृतियों से प्रेरित होकर ही भारद्वाज ने खुद को स्वयं का कैदी करार दिया.
हाईकोर्ट के राज्य के 16 विधायकों को अयोग्य करार देने के फैसले के बाद भारद्वाज ने 15 मई को कर्नाटक में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करती रिपोर्ट केंद्र को भेजी थी. इसके बाद भाजपा ने उनकी कड़ी आलोचना की थी.
केंद्र ने इससे पहले पिछले वर्ष अक्तूबर में भी उनकी रिपोर्ट खारिज कर दी थी.
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