बिहार में महिलाएं जगा रही अच्छी सेहत, संस्कारों की अलख
आमतौर पर देखा जाता है कि छोटे शहरों और ग्रामीण परिवेश में रहने वाली महिलाएं अपने सेहत के प्रति सतर्क नहीं रहती। लेकिन अब बिहार की महिलाएं भी अपने स्वास्थ्य और संस्कारों को लेकर सतर्क हो रही हैं।
बिहार में महिलाएं जगा रही अच्छी सेहत, संस्कारों की अलख |
आज बिहार के मुंगेर जैसे शहर की महिलाएं खुद को फिट रखने के लिए प्रयास कर रही हैं। यह बहुत आसान नहीं था लेकिन तीन महिलाओ ने अन्य महिलाओं को इसके लिए प्रेरित किया और अब कारवां बढ़ता जा रहा है।
दरअसल, मुंगेर जिला मुख्यालय में स्वस्थ भारत मिशन का तीन महिलाओं की टोली अन्य महिलाओं में सेहत और संस्कार के अलख जगा रही हैं। ये ऐसी महिलाएं हैं जो कि अपने घरों के कामकाज को करते हुए भी खुद की फिटनेस रखने के साथ-साथ समाज की अन्य महिलाओं को भी फिट रहने के गुर नि:स्वार्थ भाव से नि:शुल्क सिखाती हैं।
आज इनकी टोली में 100 से ज्यादा महिलाएं शामिल हैं, जो प्रतिदिन इस कार्य में लगी हैं। इन सभी महिलाओं के लिए प्रशिक्षक की भूमिका निभा रही शालिनी, गुड़िया और अंजू इन्हें स्वास्थ के प्रति जागरूक भी कर रही हैं और कई बीमारियों को लेकर सचेत करती हैं तथा उन्हें इससे बचने के लिए शारीरिक रूप से अभ्यास भी कराती हैं।
शालिनी बताती हैं कि आम तौर पर शरीर के अस्वस्थ होने के कारण ही मोटापा, थायरॉइड, ज्वाइंट पेन, कमर दर्द जैसी अन्य बीमारियां होती हैं। उन्होंने कहा कि आमतौर पर महिलाएं स्वास्थ्य की अनदेखी करती हैं जिससे उनका वजन बढ़ जाता है। आज यहां कई महिलाओं ने अपना वजन 15 से 20 किलो तक कम किया है।
प्रशिक्षक की भूमिका निभा रही अंजू बताती हैं कि महिलाओं के जीवन में परिवार के बीच समय बिताने के साथ-साथ अपने लिय समय निकालना मुश्किल हो जाता है, जिस कारण वे खुद पर ध्यान नहीं देती।
उन्होंने आम महिलाओं से अपील करते हुए कहा कि चाहे तो आप बीमारी के लिए चिकित्सक को पैसा दें या अपने परिवार का ध्यान रखते हुए खुद को स्वस्थ और फिट रखने के लिए एक घंटे का समय निकालकर व्यायाम और योग करें।
वे बताती हैं कि दो साल पहले हम दो महिलाओं ने इसकी शुरूआत की थी, इसके बाद फिर तीन महिलाओं की जोड़ी बन गई। शुरूआत में तो कम महिलाएं इसके लिए जागरूक थी, लेकिन आज 100 से अधिक महिला हमारे साथ जुड़ गई हैं।
उन्होंने बताया कि ये योग के साथ-साथ जुबां और एरोबिक्स कर रही हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा महिलाओं को संस्कार भी सिखाया जाता है।
उन्होंने बताया कि कई ऐसी महिलाएं हैं जिनका थायरॉइड कम हो गया है, शरीर के विभिन्न जोड़ों में जो दर्द होता था उसमें भी कमी हुई है। इसके अलावा योगासन करने से शरीर भी स्वस्थ और हल्का हो रहा है।
शालिनी कहती हैं कि महिलाएं जागरूक हों और अपने आप को बीमारी से मुक्त करने के लिए योग और व्यायाम को अपनाएं।
पटना अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के चिकित्सक डॉ रमण किशोर भी मानते हैं कि आज के दौर में किसी के लिए भी व्यायाम, योग आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इसके लिए जागरूकता सबसे जरूरी है।
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