कोरोना के दूसरी लहर के बीच सूर्योपासना का महापर्व चैती छठ सम्पन्न
आस्था के महापर्व चैती छठ के चौथे और अंतिम दिन छठव्रतियों ने सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। इसके साथ ही चार दिनों तक चलने वाला यह महापर्व संपन्न हो गया।
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छठव्रतियों ने सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया और भगवान भास्कर से सुख, समृद्धि के साथ कोरोना वायरस के समाप्त होने की कामना की और मन्नतें मांगी।
शनिवार की शाम में व्रतियों ने चावल-गुड़ की खीर, रोटी बनाकर फल-फूल से विधिवत पूजा कर भगवान भास्कर को भोग अर्पित किया और खरना किया।
बिहार में चार दिनों तक चलने वाले लोक आस्था के महापर्व ''चैती छठ'' 16 अप्रैल को नहाय खाय के साथ शुरू हुआ था।
राज्य के कुछ क्षेत्रों में छठ पूजा से संबंधित दुकानें अवश्य लगी थी, लेकिन आम छठ पर्व की तरह खरीददारी नहीं हुई। लॉकडाउन के कारण कई व्रती पहले ही छठ व्रत करने की योजना को रद्द कर चुके थे।
साल में दो बार चैत्र और कार्तिक महीने में शुक्ल पक्ष में महापर्व छठ व्रत होता है, जिसमें श्रद्धालु भगवान भास्कर की अराधना करते हैं। इस बार कोरोना वायरस को लेकर छठव्रतियों ने घरों में रहकर व्रत अनुशासन का पालन किया।
छठ महापर्व के चौथे और अंतिम दिन आज राजधानी पटना समेत राज्य के अन्य हिस्सों में हजारों महिला और पुरुष व्रतधारियों ने अपने घर पर ही उगते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। दूसरा अर्घ्य अर्पित करने के बाद श्रद्धालुओं का 36 घंटे का निराहार व्रत समाप्त हुआ और उसके बाद ही व्रतधारियों ने अन्न ग्रहण किया ।
चार दिवसीय इस महापर्व के तीसरे दिन कल व्रतधारियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को प्रथम अर्घ्य अर्पित किया था।
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