कोविड-19 के 65 साल से अधिक उम्र के मरीजों के फिर से संक्रमित होने का कहीं अधिक खतरा: रिसर्च

Last Updated 19 Mar 2021 04:02:33 PM IST

कोरोना वायरस से संक्रमित रहे ज्यादातर लोग कम से कम छह महीने तक दोबारा इसकी चपेट में नहीं आते हैं, लेकिन 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग मरीजों के फिर से संक्रमित होने का कहीं अधिक खतरा है।


‘द लांसेट’ जर्नल के एक नये अध्ययन में यह दावा किया गया है।

डेनमार्क के स्टेटेंस सीरम इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने देश की राष्ट्रीय कोविड-19 जांच रणनीति के तहत आंकड़े एकत्र किये। इसके जरिए 2020 में दो-तिहाई आबादी की जांच की गई।

वैज्ञानिकों के मुताबिक अध्ययन में 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के कोविड-19 की चपेट में आने की कहीं अधिक संभावना होने का पता चला।

अध्ययन के तहत वैज्ञानिकों ने उम्र एवं लैंगिक आधार पर और संक्रमण के समय में अंतर पर गौर करते हुए पॉजिटिव और नेगेटिव जांच परिणामों के अनुपात का आकलन किया।

वैज्ञानिकों का मानना है कि अध्ययन के नतीजे महामारी के दौरान बुजुर्ग आबादी की सुरक्षा के लिए उपाय किये जाने का महत्व बताते हैं।

दुनियाभर में कोरोनावायरस के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 12.17 करोड़ के पार पहुंच गई है, जबकि 26.8 लाख से अधिक लोग इस बीमारी से अपनी जान गंवा चुके हैं। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर सिस्टम्स साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) ने शुक्रवार सुबह अपने नवीनतम अपडेट में खुलासा किया है कि वर्तमान वैश्विक मामलों और मौतों का आंकड़ा क्रमश: 121,714,255 और 2,689,898 है।

भाषा
लंदन


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