Nepal Earthquake: तेज भूकंप के झटकों से थर्राया चीन और नेपाल, भारत में दिखा असर, जानमाल के नुकसान की खबर नहीं

Last Updated 07 Jan 2025 08:22:15 AM IST

Nepal Earthquake: मंगलवार 7 जनवरी की सुबह नेपाल और चीन सहित भारत में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। नेपाल में इसकी तीव्रता 7.1 रही।


जबकि इसका भारत के बिहार, सिक्किम और उत्तर बंगाल के कुछ हिस्सों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए।

तिब्बत में भी भूकंप की तीव्रता 6.8 दर्ज की गई। भूकंप सुबह 6.40 बजे आया, जिसका असर पांच सेकंड तक रहा।

सूत्रों के अनुसार, नेपाल में भूकंप की तीव्रता 7.1 थी। फिलहाल, अभी तक किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं आई है।

यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, नेपाल और भारत के सिक्किम की सीमा के पास चीन के कंट्रोल वाले तिब्बत क्षेत्र में सुबह 7.1 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप का केंद्र नेपाल के लोबुचे से करीब 91 किमी दूर था। भूकंप के झटके भूटान और बांग्लादेश के कुछ हिस्सों में भी महसूस किए गए।

नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार, बीती रात दक्षिणी ईरान में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.5 मापी गई है। भूकंप का केंद्र धरती के नीचे 10 किलोमीटर की गहराई में था। भूकंप के झटकों से लोगों में दहशत फैल गई।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, तिब्बत में थोड़ी-थोड़ी देर में कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सुबह स्थानीय समयानुसार करीब 7:00 बजे दक्षिण-पश्चिम चीन के शिजांग इलाके में 4.7 तीव्रता का भूकंप आया। इसके बाद भी कई बार झटके महसूस किए गए।

भारत में पूर्वोत्तर राज्यों के अलावा पश्चिम बंगाल और बिहार में कई जगहों पर भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। जानकारी के अनुसार, भूकंप के कारण जानमाल और क्षति के बारे में कोई जानकारी अभी सामने नहीं आई है।

गौरतलब है कि अप्रैल 2015 में नेपाल में काठमांडू के उत्तर-पश्चिम में शक्तिशाली भूकंप आया था। भूकंप की तीव्रता 7.8 मापी गई थी। भूकंप के कारण लगभग 9 हजार लोगों की मौत हुई थी और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए थे।

बताया जाता है कि नेपाल भूवैज्ञानिक रूप से ऐसे क्षेत्र में बसा है, जहां भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटें टकराती हैं, जिससे हिमालय बनता है और इस वजह से अक्सर भूकंप आते रहते हैं।

कैसे आता है भूकंप

भूकंप विशेषज्ञ बताते हैं कि धरती के अंदर 7 टेक्टोनिक प्लेटें होती हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें आपस में टकराती हैं, तो धरती में कंपन होने लगता है, जिसे भूकंप कहा जाता है और इस कंपन को रिक्टर स्केल पर नापा जाता है, जिसकी तीव्रता 1 से 9 तक होती है।

समयलाइव डेस्क
नई दिल्ली


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