अनुरा कुमारा दिसानायके बने श्रीलंका के नए राष्ट्रपति, पहली बार मार्क्सवादी नेता ने संभाली कमान
अनुरा कुमारा दिसानायके ने सोमवार को श्रीलंका के नौंवे राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। उनसे देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और भ्रष्टाचार खत्म करने की उम्मीदें हैं।
दिसानायके बने श्रीलंका के नए राष्ट्रपति |
प्रधान न्यायाधीश जयंत जयसूर्या ने राष्ट्रपति सचिवालय में दिसानायके (65) को शपथ दिलायी।
‘मार्क्सवादी जनता विमुक्ति पेरामुना पार्टी’ के विस्तृत मोर्चे ‘नेशनल पीपुल्स पावर’ के (एनपीपी) नेता दिसानायके ने शनिवार को हुए चुनाव में अपने करीबी प्रतिद्वंद्वी ‘समागी जन बालवेगया’ (एसजेबी) के साजिथ प्रेमदासा को पराजित किया।
यह देश में आर्थिक संकट के कारण 2022 में हुए व्यापक जन आंदोलन के बाद पहला चुनाव है। इस जन आंदोलन में गोटबाया राजपक्षे को अपदस्थ कर दिया गया था।
दिसानायके ने चुनाव जीतने के बाद पहली बार देश को संबोधित करते हुए जनादेश का सम्मान करने और शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण के लिए पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे का आभार जताया।
उनके शपथ ग्रहण से कुछ घंटे पहले प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने ने देश में सत्ता हस्तांतरण के तहत अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
गुणवर्धने (75) जुलाई 2022 से इस द्वीप देश के प्रधानमंत्री पद पर काबिज थे।
गुणवर्धने ने दिसानायके को संबोधित कर लिखे पत्र में कहा कि वह नया राष्ट्रपति निर्वाचित होने के कारण पद से इस्तीफा दे रहे हैं और वह नए मंत्रिमंडल के गठन के अनुकूल माहौल बनाएंगे।
देश के निर्वाचन आयोग को राष्ट्रपति चुनाव में किसी भी उम्मीदवार को जीत के लिए जरूरी 50 प्रतिशत से अधिक वोट नहीं मिलने के बाद रविवार को इतिहास में पहली बार दूसरे दौर की मतगणना कराने का आदेश देना पड़ा था।
दिसानायके ने 57.4 लाख वोट हासिल करते हुए चुनाव जीत लिया जबकि प्रेमदासा को 45.3 लाख वोट मिले।
चुनाव के दौरान दिसानायके के भ्रष्टाचार विरोधी संदेश और राजनीतिक संस्कृति बदलने के वादे ने युवा मतदाताओं को आकर्षित किया जो आर्थिक संकट के बाद से राजनीतिक व्यवस्था बदलने की मांग करते रहे हैं।
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