'ऐतिहासिक युग' से गुजर रहे भारत-अमेरिका संबंध पन्नून मामले से प्रभावित नहीं होंगे : अमेरिकी राजदूत गार्सेटी
भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने भारत-अमेरिका संबंध को "ऐतिहासिक युग" से गुजर रहे "सबसे महत्वपूर्ण संबंध" करार देते हुए मंगलवार को कहा कि सिख कट्टरपंथी गुरपतवंत सिंह पन्नून की हत्या की कथित साजिश की जांच चल रही है।
अमेरिकी राजदूत गार्सेटी |
इसका वाशिंगटन और नई दिल्ली के बीच संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। गार्सेटी ने एक विशेष साक्षात्कार में बताया, "हम उन क्षणों को कैसे प्रबंधित करते हैं, यह एक रिश्ते की ताकत को परिभाषित करता है... मैं कहूंगा कि दूतावास में हर एक दिन, विदेश मंत्रालय में हर एक दिन और वाशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास में हमारा काम थोड़ा भी धीमा नहीं हुआ है।"
पिछले नवंबर में अमेरिकी अभियोजकों ने एक भारतीय सरकारी कर्मचारी की ओर से अमेरिकी नागरिक और खालिस्तान समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के प्रमुख पन्नून की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था।
भारत-अमेरिका संबंधों की तुलना विवाह से करते हुए, जिसमें अपरिहार्य झगड़े और असहमति होती है, गार्सेटी ने कहा : "यह लगातार तेज हो रहा है, क्योंकि हम यह रिश्ता चाहते हैं, हमें यह रिश्ता चाहिए और हमारे बीच यह रिश्ता है।"
अमेरिकी मीडिया में आईं कुछ रिपोर्टों की आलोचना करते हुए भारत ने कहा है कि किसी गंभीर मामले पर "अनुचित और निराधार आरोप" से बचना चाहिए।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने पिछले महीने कहा था, "संगठित अपराधियों, आतंकवादियों और अन्य लोगों के नेटवर्क पर अमेरिकी सरकार द्वारा साझा की गई सुरक्षा चिंताओं को देखने के लिए भारत सरकार द्वारा गठित उच्च-स्तरीय समिति की जांच चल रही है। इस पर अटकलें और गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियां मददगार नहीं हैं।“
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