Shangri-La Dialogue : विक्रम मिस्री का चीन को संदेश, भारत सैन्य गठबंधनों का हिस्सा बनने में यकीन नहीं रखता

Last Updated 04 Jun 2023 08:46:46 AM IST

उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार विक्रम मिस्री (Vikram Misri) ने शनिवार को यहां कहा कि भारत सैन्य गठबंधनों का हिस्सा बनने में यकीन नहीं रखता है, हालांकि वह जिन तंत्रों का हिस्सा है, वहां स्वयं को बराबर के सहभागी के रूप में देखता है।


उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार विक्रम मिस्री

‘इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रैटेजिक स्टडीज’ (IISS) द्वारा आयोजित ‘सांगरी-ला डायलॉग’ (Shangri-La Dialogue 2023)में प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए मिस्री ने कहा कि इनमें से कई तंत्रों के मूल में समानता है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत सैन्य गठबंधनों का हिस्सा बनने में यकीन नहीं रखता है। लेकिन, हमारी सैन्य और रक्षा क्षेत्रों में विभिन्न देशों के साथ साझेदारी है।’’

मिस्री ने कहा, ‘‘गठबंधनों का अलग ही संकेतक है और उनकी व्याख्या भी बहुत अलग है। हम किसी सैन्य गठबंधन का हिस्सा नहीं हैं। हम जिन तंत्रों का हिस्सा हैं, वहां स्वयं को बराबरी के साझेदार के रूप में देखते हैं।’’

गौरतलब है कि इस कार्यक्रम में चीन के उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने भी हिस्सा लिया।

चीन में भारत के राजदूत रह चुके मिस्री ने हिन्द महासागर (Indian Ocean) में भारत-अमेरिका की साझेदारी पर कहा, ‘‘हर जगह साझेदारी मुक्त और समावेशी होनी चाहिए और अगर मैं गलत नहीं हूं तो यह भारत के हिन्द-प्रशांत विचारधारा का भी मूल है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह स्वतंत्र और मुक्त हिन्द-प्रशांत की हमारी व्याख्या है। यह वास्तविक रूप से हमारी सोच और इन विषयों पर हमारी विचारधारा के अनुरुप है।’’

इस दौरान, चीनी प्रतिनिधि के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए मिस्री ने कहा, ‘‘चूंकि आपने भागीदारी के रूप में मुक्त और समावेशी विचार की बात की है, मैं आशा करता हूं कि इन सिद्धांतों का हर जगह और हर किसी के द्वारा, विभिन्न भौगोलिक स्थानों पर भी समान रूप से सम्मान किया जाएगा।’’

भाषा
सिंगापुर


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