यूक्रेन-जॉर्जिया के बायोलैब्स का अमेरिका कर रहा इस्तेमाल : रूस
रूस ने अमेरिका पर यूक्रेन और जॉर्जिया की जैव प्रयोगशालाओं (बायोलैब्स) को अपने सैन्य उद्देश्यों को पूरा करने के लिए इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।
![]() ल्वीव (पश्चिमी यूक्रेन) पर रूसी हवाई हमले के बाद शहर की हवा में उठता धुआं। |
रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने रूसी टीवी सेंटर को शनिवार को दिए साक्षात्कार में कहा, हमने अंतरराष्ट्रीय विधिक संस्थाओं की मदद से यूक्रेन और जॉर्जिया में बनी इन जैव प्रयोगशालाओं में जाने का प्रयास किया लेकिन हमें ऐसा नहीं करने दिया गया। वहां काम करने वाले कर्मचारी आपके वहां पहुंचने पर बेहद चतुराई और पूरे सम्मान के साथ आपका रिसेप्शन एरिया में स्वागत करेंगे, आपको पीने के लिए पेयपदार्थ मुहैया कराये जायेंगे और कैटलॉग्स दिखाये जायेंगे लेकिन किसी को प्रयोगशालाओं के अंदर जाने नहीं दिया जायेगा, न ही आपको और न ही किसी विशेष पर्यवेक्षक को अंदर जाने की इजाजत दी जायेगी।
सुश्री जखारोव ने सवाल किया कि आखिर ऐसा क्यों और इसका क्या मतलब है, ऐसा इसलिए और इसका यह मतलब है कि इन प्रयोगशालाओं के भीतर कुछ गैरकानूनी प्रयोग किये जा रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि अमेरिका इन प्रयोगशालाओं को अपने सैन्य मकसद से इस्तेमाल कर रहा है। रूसी राष्ट्रपति कार्यालय ‘क्रेमलिन’ के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने शुक्रवार को अमेरिका से मांग की कि वह यूक्रेन की जैव प्रयोगशालाओं को धन मुहैया कराने में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बेटे हंटर बाइड़न की भूमिका के बारे में स्पष्टीकरण दे। रूसी रक्षा मंत्रालय ने गृहस्पतिवार को कहा कि हंटर बिडेन ने यूक्रेन में अमेरिका के सैन्य जैविक कार्यक्रम को चलाने के लिए निवेश किया है। उन्होंने लगभग 2.4 अरब डॉलर का निवेश इन प्रयोगशालाओं में किया है।
रूस के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इगोर कोनाशेनकोव ने कहा कि रूसी विशेषज्ञों ने खुलासा किया है कि अमेरिका का रक्षा विभाग यूक्रेन की जैव प्रयोगशालाओं में सीधे सीधे जैविक हथियार बना रहा है। रूस का रक्षा मंत्रालय यूक्रेन की प्रयोगशालाओं में अमेरिका द्वारा चलाये जा रही गुप्त सैन्य गतिविधियों के बारे में इन प्रयोगशाला में काम करने वाले कर्मचारियों से मिले कागजातों का अध्ययन किया जा रहा है। कोनाशेनकोव के अनुसार अमेरिका की गैरपंजीकृत दवाइयों के यूक्रेनी सैनिकों पर परीक्षण करने की योजना है।
गौरतलब है कि रूस ने यूक्रेन के डोनेत्स्क और लुहांस्क पीपुल्स रिपब्लिक्स के लोगों की यूक्रेनी सेना से बचाने की गुहार की बात कहते हुए 24 फरवरी से यूक्रेन के खिलाफ विशेष सैन्य अभियान की शुरूआत की थी। रूस का कहना है कि यूक्रेन में उसके विशेष सैन्य अभियान का उद्देश्य यूक्रेन में नाजीवाद का खात्मा और असैन्यकरण है। इसी कारण रूस ने यूक्रेन में केवल सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है और इससे यूक्रेन की जनता को कोई खतरा नहीं है। रूस लगातार इस बात पर भी दबाव देता रहा है कि उसकी यूक्रेन पर कब्जे की कोई योजना नहीं है।
| Tweet![]() |