बाइडन नहीं चाहते कि अमेरिका किसी युद्ध में ‘लड़े और मरे’ : सुलिवान
अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के फैसले का बचाव करते हुए उनके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवान ने कहा कि बाइडन का मानना है कि ताजिकिस्तान या पाकिस्तान या ईरान के पास अमेरिकी सेना की मौजूदगी बनाए रखने के लिए देश को युद्ध में ‘‘लड़ने और मरने’’ की जरूरत नहीं है।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन (File photo) |
बाइडन ने अप्रैल में घोषणा की थी कि अमेरिकी सेना को इस साल 11 सितंबर तक अफगानिस्तान से वापस बुलाया जाएगा जिससे दो दशक तक चले देश के सबसे लंबे युद्ध का अंत हो गया।
अमेरिका ने पहले ही अपने ज्यादातर सैनिकों को वापस बुला लिया है और 31 अगस्त तक सभी सैनिकों को वापस बुलाने की योजना है।
सुलिवान ने मंगलवार को व्हाइट हाउस में एक संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों से कहा, ‘‘राष्ट्रपति यह नहीं मानते कि अमेरिका को ताजिकिस्तान या पाकिस्तान या ईरान के पास अमेरिकी सेना की मौजूदगी बनाए रखने के उद्देश्य के लिए युद्ध में लड़ना और मरना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम इससे सहमत नहीं होंगे कि अमेरिकी सैनिकों को ताजिकिस्तान के पास मौजूदगी बनाए रखने के उद्देश्य के लिए अपनी जान जोखिम में डालने के लिए कहना सही है।’’
तालिबान के हाथ लगे अमेरिकी हथियार अफगान सेना ने उन्हें मूल रूप से नष्ट कर दिया
एक सवाल के जवाब में सुलिवान ने माना कि अमेरिका के कुछ हथियार तालिबान के हाथ लग गए हैं और अफगान सुरक्षा बलों ने मूल रूप से उन्हें नष्ट कर दिया है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने संकेत दिया कि अमेरिका तालिबान के खिलाफ कदमों पर अन्य मित्रों और सहयोगियों से बातचीत कर रहा है।
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