अफगानिस्तान से दूतावास कर्मियों की सुरक्षित वापसी के लिए काबुल में सैनिकों को तैनात कर रहा अमेरिका
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन का प्रशासन असैन्य कर्मियों खासकर अपने दूतावास के कर्मियों की व्यवस्थित एवं सुरक्षित वापसी के लिए काबुल हवाईअड्डे पर अपने हजारों सैनिकों की तैनाती कर रहा है।
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पेंटागन और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हम बदलती सुरक्षा स्थिति के मद्देनजर काबुल में हमारी असैन्य मौजूदगी को भी कम रहे हैं। हम आने वाले हफ्तों में प्रमुख राजनयिक उपस्थिति कम करने की कोशिश में हैं। इस वापसी को सुविधाजनक बनाने के लिए, रक्षा मंत्रालय हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर अस्थायी रूप से अतिरिक्त कर्मियों की तैनाती करेगा।”
विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने योजना के समन्वयन के लिए अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी से बृहस्पतिवार को फोन पर बात की।
उन्होंने कहा, “दूतावास खुला रहेगा और हमारी योजना अफगानिस्तान में अपना राजनयिक कार्य जारी रखने की है। अमेरिका राजनयिक सेवाओं को समर्थन देना जारी रखेगा और इसमें विशेष आव्रजक वीजा कार्यक्रम का संचालन एवं प्रक्रिया शामिल है और हम अफगान लोगों और अफगान सरकार के साथ कूटनीति में शामिल होना जारी रखेंगे। इसके अलावा, हम आतंकवाद से निपटने पर अपना ध्यान केंद्रित रखना जारी रखेंगे।”
अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की तैनाती के ब्योरे देते हुए, प्रेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने कहा कि पहली गतिविधि तीन इंफेंट्री बटालियनों की होगी जो वर्तमान में मध्य कमान के उत्तर दायित्व क्षेत्र में आता है।
उन्होंने बताया कि ये सैनिक काबुल में हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की तरफ अगले 24 से 48 घंटों में बढ़ेंगे। इनमें से दो बटालियन अमेरिकी नौसेना और एक बटालियन अमेरिकी थल सेना की है।
प्राइस ने बताया कि काबुल में अमेरिकी दूतावास को प्रस्थान का आदेश 27 अप्रैल से दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा, “हम हर दिन सुरक्षा स्थिति का मूल्यांकन कर रहे हैं ताकि यह निर्धारित कर सकें कि हमारे दूतावास में काम कर रहे लोग कैसे सुरक्षित रह सकें। चुनौतीपूर्ण सुरक्षा माहौल में हम हर राजनयिक तैनाती के लिए यही करते हैं।”
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