PM मोदी का बांग्लादेश दौरा: PM मोदी बंगबंधु स्मारक पहुंचे, जशोरेश्वरी काली मंदिर में की पूजा
पीएम मोदी के बांग्लादेश दौरे का शनिवार को दूसरा दिन है। सबसे पहले मोदी ने जशोरेश्वरी मंदिर में काली मां के दर्शन किए। इसके बाद उन्होंने बंगबंधु स्मारक पहुंचकर राष्ट्रबंधु के पिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान को श्रद्धांजलि अर्पित की।
बांग्लादेश में मोदी ने जशोरेश्वरी काली मंदिर में की पूजा |
अब प्रधानमंत्री मोदी मतुआ समुदाय के ओरकांडी मंदिर पहुंचे हैं। ओराकांडी वहीं जगह है, जहां मतुआ समुदाय के संस्थापक हरिशचंद्र ठाकुर का जन्म हुआ था। मतुआ समुदाय बंगाल चुनाव के लिहाज से भी काफी मायने रखता है।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सत्खिरा स्थित प्राचीन जशोरेश्वरी काली मंदिर में देवी काली की पूजा अर्चना से की और इस दौरान समस्त मानव जाति के कल्याण की कामना की। कई शताब्दियों पुराना यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है।
मंदिर परिसर में पहुंचने पर प्रधानमंत्री का स्वागत शंख बजाकर, तिलक लगाकर और अन्य पारंपरिक तरीकों से किया गया।
इसके बाद प्रधानमंत्री ने विधि-विधान से मां काली की पूजा अर्चना की। उन्होंने मां काली को एक मुकुट, साड़ी व अन्य पूजन सामग्रियां भी अर्पित की और अंत में मंदिर की परिक्रमा भी की।
बाद में उन्होंने कहा कि मंदिर में पूजा अर्चना कर उन्होंने पूरी मानव जाति के कल्याण की कामना की। उन्होंने कहा, ‘‘आज मुझे 51 शक्तिपीठों में से एक मां काली के चरणों में आने का सौभाग्य मिला। मेरी कोशिश रहती है कि मौका मिले तो 51 शक्तिपीठों में कभी ना कभी जाकर अपना मत्था टेकूं।’’
Bangladesh: Prime Minister Narendra Modi offered prayers at Jeshoreshwari Kali Temple in Ishwaripur, Satkhira district today as part of his two-day visit to the country. pic.twitter.com/lQyGSyebIw
— ANI (@ANI) March 27, 2021
मोदी ने कहा कि वर्ष 2015 में वह जब बांग्लादेश आए थे तो उन्हें मां ढाकेरी के चरणों में शीश झुकाने का अवसर मिला था और आज मां काली के चरणों में आशीर्वाद प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा, ‘‘आज मानव जाति कोरोना के कारण अनेक संकटों से गुजर रही है, मां से यही प्रार्थना है कि पूरी मानव जाति को कोरोना के इस संकट से जल्द से जल्द मुक्ति दिलाएं।’’
प्रधानमंत्री ने ‘‘सव्रे भवंतु सुखिन:’’ के मंत्र का उल्लेख किया और ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम’’ को भारतीय संस्कृति की विरासत बताते हुए कहा, ‘‘हम पूरी मानव जाति के कल्याण के लिए प्रार्थना करते हैं।’’ उन्होंने कहा कि जब यहां मां काली की पूजा का मेला लगता है तो बहुत बड़ी तादाद में भक्त आते हैं जिनमें सीमापार के श्रद्धालु भी शामिल होते हैं। उन्होंने यहां एक सामुदायिक केंद्र के निर्माण की आवश्यकता बताते हुए कहा कि भारत सरकार यहां इसके निर्माण का कार्य करेगी ताकि जब काली पूजा के समय लोग यहां आएं तो यह उनके उपयोग में आए। आपदा के समय भी यह काम आए।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत सरकार यहां पर निर्माण कार्य कराएगी। इसके लिए बांग्लादेश सरकार ने शुभकामनाएं प्रकट की है। इसके लिए मैं उनका आभार प्रकट करता हूं।’’
मोदी ने ‘बंगबंधु’ शेख मुजीबुर रहमान की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की
Bangladesh: Prime Minister Narendra Modi signs the visitors' book at Sheikh Mujibur Rahman at Bangabandhu Mausoleum Complex, Tungipara. pic.twitter.com/EGnt3uNYGC
— ANI (@ANI) March 27, 2021
प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को ढाका पहुंचे थे जहां उनकी अगवानी बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने की। हसीना के साथ उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी भी हजरत शाहजलाल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उपस्थिति थे। मोदी के सम्मान में 19 तोपों की सलामी और गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया।
बंगबंधु स्मारक परिसर पहुंचने पर मोदी का बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने स्वागत किया। वह शेख मुजीबुर रहमान की बेटी भी है। इस अवसर पर शेख हसीना की बहन शेख रेहाना भी मौजूद थीं।
मोदी ने ‘बंगबंधु’ की समाधि पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कुछ समय मौन भी रखा। वहीं, इस दौरान हसीना और उनके मंत्रिमंडल सहयोगियों ने ‘फातिहा‘ पढा। प्रधानमंत्री मोदी यहां पहुंचने वाले पहले गणमान्य भारतीय हैं।
प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को ढाका पहुंचे थे जहां उनकी अगवानी बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने की। हसीना के साथ उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी भी हजरत शाहजलाल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उपस्थिति थे। मोदी के सम्मान में 19 तोपों की सलामी और गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया।
कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद प्रधानमंत्री की यह पहली विदेश यात्रा है। यह यात्रा शेख मुजीबुर रहमान की जन्मशताब्दी, भारत और बांग्लादेश के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने के पचास वर्ष पूरे होने और बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के पचास वर्ष पूरे होने से संबंधित हैं।
प्रधानमंत्री ने इससे पहले वर्ष 2015 में बांग्लादेश की यात्रा की थी।
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