अलास्का में होने वाली बैठक अमेरिका-चीन संबंधों की एक नयी परीक्षा
अमेरिका और चीन के शीर्ष अधिकारी जब अलास्का में मुलाकात करेंगे तो दोनों देशों को तनाव में चल रहे संबंधों की एक नयी परीक्षा का सामना करना पड़ेगा।
अलास्का में होने वाली बैठक अमेरिका-चीन संबंधों की एक नयी परीक्षा |
दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच संबंधों में टकराव चल रहा है और राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने अभी ऐसा कोई संकेत नहीं दिया है कि वह पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शासन के दौरान उठाए गए कठोर कदमों से हाथ पीछे खींचने के लिए तैयार हैं। न ही चीन ने दबाव कम करने के संकेत दिए हैं।
हालांकि, दोनों देशों के बीच आज पहली आमने-सामने की बैठक के लिए मंच तैयार हो गया है।
विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलीवन चीन के शीर्ष दो राजनयिक स्टेट काउंसिलर वांग यी और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के विदेश मामलों के प्रमुख यांग जिएची अलास्का के एंकरेज में मुलाकात करेंगे।
बैठक में व्यापार और तिब्बत, हांगकांग, चीन के पश्चिमी शिनजियांग क्षेत्र, ताइवान में मानवाधिकारों, दक्षिण चीन सागर में चीन के आक्रामक कदमों और कोरोना वायरस वैिक महामारी पर चर्चा हो सकती है।
बैठक में किसी तरह के समझौते की कोई उम्मीद नहीं है।
प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘यह असल में एक बार की बैठक है। यह वार्ता शुरू करने की प्रक्रिया की बहाली नहीं है।’’
बैठक से महज एक दिन पहले ब्लिंकन ने हांगकांग में लोकतंत्र समर्थकों पर चीन की कार्रवाई को लेकर अधिकारियों पर नए प्रतिबंधों की घोषणा की। इसके जवाब में चीन ने अपने घरेलू मामलों में अमेरिकी के हस्तक्षेप का विरोध तेज कर दिया।
व्हाइट हाउस को एंकरेज में होने वाली आमने-सामने की पहली बैठक को लेकर खास अपेक्षाएं नहीं हैं।
बैठक से पहले एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने इस वार्ता को दोनों पक्षों के लिए संबंधों का ‘‘जायजा लेने’’ का अवसर बताया। उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष वार्ता के बाद कोई संयुक्त बयान जारी नहीं करेंगे और वार्ता के बाद कोई बड़ी घोषणा होने की उम्मीद भी नहीं है।
अमेरिका में चीन के राजदूत ने भी बुधवार को चीनी मीडिया को दिए बयान में अलास्का बैठक से कोई उम्मीद न रखने के लिए कहा। हालांकि, साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे बेहतर संवाद का मार्ग प्रशस्त होगा।
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