हम केवल सपने नहीं देखते, काम भी करके दिखाते हैं : हैरिस
अमेरिका की उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण करने के बाद कमला देवी हैरिस ने पहली बार देश को संबोधित करते हुए ‘अमेरिकी आकांक्षाओं’ को रेखांकित किया।
अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला देवी हैरिस |
हैरिस ने इस बात पर जोर दिया कि देश के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अमेरिकियों से संकट से उबरने और एकजुट होने के प्रयास करने की अपील की है।
भारतीय मूल की हैरिस ने ऐतिहासिक शपथ ग्रहण समारोह के दौरान बुधवार को अमेरिका की पहली महिला उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। हैरिस (56) इस पद पर पहुंचने वाली पहली अश्वेत एवं पहली एशियाई अमेरिकी भी हैं। हैरिस ने लिंकन मेमोरियल के बाहर कहा, ‘कई मायनों में यह क्षण एक देश के रूप में हमारे चरित्र को दर्शाता है। यह दिखाता है कि मुश्किल समय में भी हम कौन हैं। हम केवल सपने ही नहीं देखते, उन्हें साकार भी करते हैं।
हम केवल यह नहीं देखते कि क्या हो रहा है, हम यह भी देखते हैं कि क्या हो सकता है।’ ‘हम चांद पर जाते हैं और वहां अपना ध्वज फहराते हैं। हम बहादुर, निडर और महत्वाकांक्षी हैं। हम अपने इस भरोसे को लेकर अडिग हैं कि हम चुनौतियों से पार पाएंगे और उठ खड़े होंगे। ’ उन्होंने असैन्य युद्ध के दौरान पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम लिंकन की उपलब्धियों का हवाला दिया और कहा कि उन्होंने ‘बेहतर भविष्य देखा और बड़े कॉलेजों एवं अंतरमहाद्वीपीय रेलमागरें’ के साथ इसका निर्माण किया।
हैरिस ने इस बात का भी जिक्र किया कि मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने किस प्रकार नस्ली एवं आर्थिक न्याय के लिए लड़ाई लड़ी। हैरिस ने कहा, ‘आम नागरिकों के अधिकारों के आंदोलन के बीच डॉ. किंग ने नस्ली न्याय एवं आर्थिक न्याय के लिए संघर्ष किया। अमेरिकी आकांक्षाओं ने समान अधिकारों की मांग करने के लिए इस देश की महिलाओं को प्रेरित किया।’
उन्होंने कहा, ‘बड़े प्रयोग के लिए दृढ संकल्प की आवश्यकता होती है। इसके लिए काम करने और उसके बाद उसमें सुधार करते रहने की आवश्यकता है। अमेरिका में आज इसी दृढ संकल्प के साथ काम किया जा रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे यह दृढ संकल्प भविष्य को बदल रहे वैज्ञानिकों में दिखता है। मुझे यह उन अभिभावकों में दिखता है, जो आगामी पीढियों का लालन-पालन कर रहे हैं, मुझे यह उन नवोन्मेषकों, उन शिक्षकों में दिखता है, जो अपने, अपने परिवार और अपने समुदायों के लिए बेहतर जीवन बना रहे हैं।’
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