सोशल मीडिया को नये युद्धक्षेत्र के तौर पर देख रहा है पेंटागन
पेंटागन ने वैज्ञानिकों से सोशल मीडिया नेटवर्क पर दुष्प्रचार पर रोक लगाने के उपाय खोजने को कहा है.
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हाल ही में अरब जगत में फैली क्रांति में ट्विटर और फेसबुक की अहम भूमिका को देखते हुए पेंटागन ऐसा किया है.
अमेरिकी सेना की उच्च तकनीक वाली शोध संस्था डिफेंस एडवान्स्ड रिसर्च प्रोजेक्टस एजेंसी (डीएआरपीए) ने विशेषज्ञों से सोशल नेटवर्किंग की न्यू मीडिया में बढ़ती भूमिका को समझने और इस संदर्भ में जरूरी कदम उठाने के लिए कहा है.
14 जुलाई को जारी डीएआरपीए के अनुरोध प्रस्ताव में कहा गया है कि इस अभियान का मकसद सोशल नेटवर्क पर उद्देश्यपूर्ण या भ्रामक संदेशों और गलत सूचनाओं का पता लगाना तथा उन पर जवाबी कार्रवाई करना होगा.
पश्चिम एशिया में बदलाव की मांग को लेकर चले अभियान में सोशल नेटवर्क की प्रभावी भूमिका के मद्देनजर शीर्ष सैन्य अधिकारी चिंतित हैं.
डीएआरपीए को लगता है कि आने वाले समय में सोशल नेटवर्क का युद्ध पर काफी असर पड़ेगा.
कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने निजी तौर पर कहा है कि अरब जगत में जो कुछ हुआ उसमें ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब की भूमिका पर विचार करना और सोशल नेटवर्क से चलाए जाने वाले कथित नकारात्मक अभियान पर रोक लगाना जरूरी है.
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