Shiv Rudrashtakam Stotram : शिव रुद्राष्टकम स्तुति से जल्द प्रसन्न होते हैं भोलेनाथ
नमामीशमीशान निर्वाण रूपं, विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदः स्वरूपम् । निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं, चिदाकाश माकाशवासं भजेऽहम् ॥ निराकारमोंकारमूलं तुरीयं, गिराघ्यानगोतीतमीशं गिरीशं गिरीशम् । करालं महाकाल कालं कृपालं, गुणागार संसारपारं नतोऽहम् ।।
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Shiv Rudrashtakam Stotram Lyrics In Hindi : भगवान शिव शंकर भक्तों की प्रार्थना से बहुत जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं। वो भक्तों पर हमेशा अपनी कृपा बरसाते हैं। उनके भक्त किसी भी परेशानी में क्यों न हो, भोलेनाथ हमेशा उनका साथ देते हैं। वैसे तो भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए कई स्तुतियां हैं, मगर 'रुद्राष्टकम' सबसे ज़्यादा शक्तिशाली है। इसका उल्लेख श्री रामचरितमानस के उत्तर कांड में आता है।
ॐ नमः शिवायः Shiv Rudrashtakam Stotram Lyrics In Hindi
नमामीशमीशान निर्वाण रूपं, विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदः स्वरूपम् ।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं, चिदाकाश माकाशवासं भजेऽहम् ॥
निराकारमोंकारमूलं तुरीयं, गिराघ्यानगोतीतमीशं गिरीशं गिरीशम् ।
करालं महाकाल कालं कृपालं, गुणागार संसारपारं नतोऽहम् ।।
तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं, मनोभूत कोटिप्रभा श्री शरीरम् ।
स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारु गङ्गा, लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा ।।
चलत्कुण्डलं भ्रू सुनेत्रं विशालं, प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् ।
मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं, प्रियं शङ्करं सर्वनाथं भजामि ।।
प्रचण्डं प्रकृष्टम प्रगल्भं परेशं, अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशम् ।
त्रयःशूल निर्मूलनं शूलपाणिं, भजेऽहम भवानीपतिं भावगम्यम् ।।
कालातीत कल्याण कल्पान्तकारी, सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी ।
चिदानन्द सन्दोह मोहापहारी, प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ।।
न यावद् उमानाथ पादारविन्दम, भजन्तीह लोके परे वा नराणाम् ।
न तावद् सुखं शान्तिसन्तापनाशं, प्रसीद प्रभो सर्व भूतादिवासम् ।।
न जानामि योगं जपं नैव पूजां, नतोऽहम सदा सर्वदा शम्भु तुभ्यम् ।
जराजन्म दुःखौघ तातप्यमानं, प्रभो पाहि आपन्नमामीश शम्भो।।
रुद्राष्टकमिदं प्रोक्तं विप्रेण हरतोषये
ये पठन्ति नरा भक्त्या तेषां शम्भुः प्रसीदति ॥९॥
इस रुद्राष्टक को जो सच्चे भाव से पढ़ता है शम्भुनाथ, भोलेनथ उसकी सुनते हैं और आशीर्वाद देते हैं।
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