Maa Chandraghanta Aarti : नवरात्रि के तीसरे दिन करे 'मां चंद्रघंटा' की आरती, सभी कष्ट होंगे दूर
चंद्रघंटा की पूजा करने से भक्तों को भय से मुक्ति मितली है और साहस प्राप्त होता है। इनके दर्शन से भक्तों का कल्याण और पापों का नाश होता है।
Maa Chandraghanta Aarti |
Navratri 2023 Maa Chandraghanta Aarti - नवरात्रि में हर दिन मां के अलग-अलग स्वरूपों की साधना की जाती है और मां के हर रूप की अलग महिमा है। माता के सिर पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है, इसी वजह से इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है। चंद्रघंटा की पूजा करने से भक्तों को भय से मुक्ति मितली है और साहस प्राप्त होता है। इनके दर्शन से भक्तों का कल्याण और पापों का नाश होता है। स्वर में मधुरता आती है। इनका वाहन सिंह, दस भुजाएं और तीन आंखें हैं। आठ हाथों में खड्ग, बाण आदि अस्त्र-शस्त्र हैं और दो हाथों से ये भक्तों को आशीष देती हैं। मां चंद्रघंटा का पूरा शरीर सोने की भांति चमकीला है।
मां चंद्रघंटा की आरती - Maa Chandraghanta Aarti
जय मां चंद्रघंटा सुख धाम।
पूर्ण कीजो मेरे सभी काम।
चंद्र समान तुम शीतल दाती
चंद्र तेज किरणों में समाती।
क्रोध को शांत करने वाली।
मीठे बोल सिखाने वाली।
मन की मालक मन भाती हो।
चंद्र घंटा तुम वरदाती हो।
सुंदर भाव को लाने वाली।
हर संकट मे बचाने वाली।
हर बुधवार जो तुझे ध्याये।
श्रद्धा सहित जो विनय सुनाएं।
मूर्ति चंद्र आकार बनाएं।
सन्मुख घी की ज्योति जलाएं।
शीश झुका कहे मन की बाता।
पूर्ण आस करो जगदाता।
कांचीपुर स्थान तुम्हारा।
करनाटिका में मान तुम्हारा।
नाम तेरा रटूं महारानी।
भक्त की रक्षा करो भवानी।
मां चंद्रघंटा का श्लोक- Chandraghanta shlok
पिण्डजप्रवरारुढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता | प्रसादं तनुते मह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता|
ऐसे करें मां का स्तोत्र पाठ- stotra path
आपदुध्दारिणी त्वंहि आद्या शक्तिः शुभपराम्।
अणिमादि सिध्दिदात्री चंद्रघटा प्रणमाभ्यम्॥
चन्द्रमुखी इष्ट दात्री इष्टं मन्त्र स्वरूपणीम्।
धनदात्री, आनन्ददात्री चन्द्रघंटे प्रणमाभ्यहम्॥
नानारूपधारिणी इच्छानयी ऐश्वर्यदायनीम्।
सौभाग्यारोग्यदायिनी चंद्रघंटप्रणमाभ्यहम्॥
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