Shree Vasupujya bhagwan ki aarti : यहां पढ़ें वासुपूज्य भगवन की आरती
वासुपूज्य भगवान की आरती | Shree Vasupujya bhagwan ki aarti | vasupujya bhagwan jain aarti | ॐ जय वासुपूज्य स्वामी, प्रभु जय वासुपूज्य स्वामी । पंचकल्याणक अधिपति
Shree Vasupujya bhagwan ki aarti |
Vasupujya Bhagwan ki Aarti - जैन धर्म शास्त्रों के अनुसार प्रत्येक महीने के 27 वें दिन रोहिणी नक्षत्र पड़ता है। इस दिन जैन धर्म के अनुयायी रोहिणी व्रत मनाते हैं। रोहिणी व्रत पर परमपूज्य भगवान वासु स्वामी की पूजा-उपासना की जाती है। भक्त अपनी श्रद्धा भाव से परमपूज्य भगवान वासु स्वामी की भक्ति करते हैं। इस दिन जैन मंदिरों में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। इस दिन परमपूज्य भगवान वासु स्वामी जी की आरती की जाती है। तो चलिए यहां पढ़िए भगवान वासु स्वामी जी की आरती।
Vasupujya Bhagwan ki Aarti
ॐ जय वासुपूज्य स्वामी, प्रभु जय वासुपूज्य स्वामी।
पंचकल्याणक अधिपति स्वामी, तुम अन्तर्यामी ।।
चंपापुर नगरी भी स्वामी, धन्य हुई तुमसे।
जयरामा वसुपूज्य तुम्हारे स्वामी, मात पिता हरषे ।।
बालब्रह्मचारी बन स्वामी, महाव्रत को धारा।
प्रथम बालयति जग ने स्वामी, तुमको स्वीकारा ।।
गर्भ जन्म तप एवं स्वामी, केवलज्ञान लिया।
चम्पापुर में तुमने स्वामी, पद निर्वाण लिया ।।
वासवगण से पूजित स्वामी, वासुपूज्य जिनवर।
बारहवें तीर्थंकर स्वामी, है तुम नाम अमर ।।
जो कोई तुमको सुमिरे प्रभु जी, सुख सम्पति पावे।
पूजन वंदन करके स्वामी, वंदित हो जावे ।।
ॐ जय वासुपूज्य स्वामी, प्रभु जय वासुपूज्य स्वामी।
पंचकल्याणक अधिपति स्वामी, तुम अन्तर्यामी ।।
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