पितृ दोषों से मुक्ति पाने और परेशानियों को दूर करने में कारगर हो सकते हैं ये उपाय
सनातन धर्म में हर महीना किसी ना किसी अहम कार्य के लिए तय किया गया है।
![]() पितृ पक्ष (फाइल फोटो) |
वहीं पितृ पक्ष का महीना भी बेहद खास माना जाता है। इस महीने में पितरों की आत्मा को तृप्त करने के लिए काफी अहम माना जाता है। इस महीने में पितरों को याद कर उनका आशीर्वाद मांगा जाता है, साथ ही भूल होने के लिए माफी भी मांगी जाती है।
हिंदू धर्मा ग्रंथों के मुताबिक भाद्रपद पूर्णिमा से श्राद्ध पक्ष की शुरूआत होती है। इस दौरान श्राद्ध करने और पिंडदान करने से परिवार में सुख समृद्धि, शांति का वास होता है। परिवार में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए भी पितरों का पूजन करना चाहिए। हिंदू शास्त्रों, पुराणों और संहिताओं के अनुसार जब तक पितृ ऋण से मुक्ति नहीं होती है तबतक ईश्वर की कृपा भी प्राप्त नहीं होती है।
बता दें कि इस वर्ष पितृ पक्ष का आरंभ 10 सितंबर से हो चुका है। ये अश्विन माह के अमावस्या तक कुल 15 दिनों तक मनाया जाएगा। माना जाता है कि जो व्यक्ति पितृ ऋण से ग्रसित है उन्हें इससे मुक्ति पाने के लिए पितृ पक्ष में भाद्रपद में पिंडदान करना चाहिए।
हिंदू धर्म के जानकार और ज्योतिषशास्त्रियों का पितृ पक्ष को लेकर काफी कुछ मानना है। ज्योतिषशास्त्रों का कहना है कि कई दोष होते हैं, जो जीवन में परेशानियों का कारण बनते है। पितृ दोष भी एक ऐसा मुख्य कारण है जिससे व्यक्ति को जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसा ही एक दोष पितृ दोष कहलाता है। पितृ दोष को दूर करना बेहद जरूरी माना जाता है क्योंकि ये जीवन की कई छोटी बड़ी परेशानियों का कारण बनते है। इन दोषों को दूर करने के लिए जरूरी है कि खास उपाय किए जाएं।
जानें क्या है पितृ दोष
पितृ दोष के उपाय करने से पहले ये जानना आवश्यक है कि पितृ दोष क्या होता है। दरअसल कुंडली के दूसरे, चौथे, पांचवे, सातवें, नौवें और दसवें भाव में सूर्य-राहू या सूर्य शनि की युति बनने पर जातक को पितृ दोष लगता है। सूर्य के तुला राशि में रहने पर या राहु-शनि के साथ युति होने पर पितृ दोष का प्रभाव बढ़ता है। पितृ दोष तब भी होता है जब लग्नेश के छठे, आठवें, बारहवें भाव में होने और लग्न में राहू होता है। बता दें कि जिस व्यक्ति के जीवन में पितृ दोष होता है उसके जीवन में सैंकड़ों परेशानियां होती है।
इन उपायों को करने से मिलती है राहत
- पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए हर महीने की अमावस्या पर नियमित रूप से पितर संबंधी कार्य करना महत्वपूर्ण होता है। पितरों का स्मरण करते हुए पिंड दान करना चाहिए। पितरों से अपने किए के लिए माफी भी मांगनी चाहिए।
- पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए भोजन करना जरूरी होता है।
- पितृ दोष के प्रभाव से जीवन को खत्म करना है तो अमावस्या के दिन गाय को भोजन कराना चाहिए। गाय को हमेशा सात्विक भोजन कराना चाहिए। माना जाता है कि गाय को भोजन कराने से पितृ दोष दूर होते है।
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