जानिए शनिदेव का कौन सा वाहन आपके लिए शुभ है और कौन सा अशुभ
शनि देव की सवारी कौआ, गिद्ध, भैंस, कुत्ता, गधा, घोड़ा, शेर, हाथी और हिरण को माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार शनि को अशुभ माना जाता है व 9 ग्रहों में शनि का स्थान सातवां है।
9 vahan of lord shani |
9 vahan of lord shani - श्री शनिदेव भगवान सूर्य और छाया (संवर्णा) के पुत्र हैं। इनकी पत्नी के श्राप के कारण इनको क्रूर ग्रह माना जाता है। शनि के अधिदेवता प्रजापति ब्रह्मा और प्रत्यधिदेवता यम हैं। इनका वर्ण कृष्ण है व शनि देव की सवारी कौआ, गिद्ध, भैंस, कुत्ता, गधा, घोड़ा, शेर, हाथी और हिरण को माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार शनि को अशुभ माना जाता है व 9 ग्रहों में शनि का स्थान सातवां है। हमारे ज्योतिष में नौ ग्रह हैं और इन नौ ग्रहों में जब बात शनि की आती है, तो हम में से बहुत से लोग श्री शनिदेव के नाम पर ही डर जाते हैं क्योंकि शनिदेव हमारे जीवन में कई बार संकट खड़ा कर देते हैं।
लेकिन शायद आपको यह नहीं पता है कि शनि एकमात्र ऐसे ग्रह हैं जो हमारी कुंडली में किसी भी भाव में बैठकर हमारे जीवन की दशा और दिशा तय कर देते हैं। हमारे जीवन में सुख-दुख, रोमांच, ऐश्वर्या, मुसीबत, समस्या, संघर्ष सब कुछ तय कर देते हैं। आपको बता दें शनि देव के 9 वाहन हैं आइए जानते हैं कि शनिदेव का कौन सा वाहन आपके लिए शुभ है और कौन सा अशुभ। शनिदेव जिस वाहन पर सवार होकर किसी राशि में प्रवेश करते हैं तो उस वाहन के अनुसार ही उस राशि वालों को फल प्राप्त होते हैं।
9 vehicles of Shani Dev in Hindi
श्री शनिदेव का वाहन हंस - श्री शनिदेव का वाहन हंस हो तो बहुत शुभ होता है। अपनी बुद्धि और मेहनत करके इंसान भाग्य का पूरा सहयोग ले सकता है। व्यक्ति के मान-सम्मान और यश में वृद्धि होती है और घर-परिवार में सुख-शांति के साथ संपन्नता भी आती है। व्यक्ति को कभी किसी चीज की कमी नहीं होती और जीवन में ढेर सारी खुशियां आती हैं। हंस को शनि के सभी वाहनों में सबसे अच्छा वाहन माना गया है।
श्री शनिदेव का वाहन मोर - ज्योतिषों के अनुसार, श्री शनिदेव का मोर पर बैठना बहुत शुभ माना जाता है। जब शनिदेव मोर पर बैठते हैं तब व्यक्ति का भाग्य खुल जाता है। साथ ही व्यक्ति की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है और कई बार तो थोड़े से प्रयास से ही सफलता मिल जाती है।
श्री शनिदेव का वाहन सियार - यदि श्री शनिदेव का वाहन सियार हो तो शुभ फल नहीं मिलता है। इस दौरान शुभ फलों की प्राप्ति बहुत कम होती है और धन संबंधित समस्याओं का ज्यादा सामना करना पड़ता है। ऐसी मान्यता है कि सियार पर बैठे श्री शनिदेव दु:ख लेकर आते हैं। ऐसे में व्यक्ति को हिम्मत और धैर्य से काम करना चाहिए।
श्री शनिदेव का वाहन भैंसा - ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, जब श्री शनिदेव भैंसे पर सवार होकर आते हैं या फिर सपने में दिखाई देते हैं, तो जीवन में उसका मिलाजुला असर होता है। इस स्थिति में समझदारी और होशियारी से काम करना ज्यादा बेहतर होता है। व्यक्ति को किसी चीज की प्राप्ति के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है।
श्री शनिदेव का वाहन कौआ - श्री शनिदेव का कौवे की सवारी पर गोचर करना या सपने में आना शुभ नहीं माना जाता है। शनि का वाहन कौआ हो तो इस अवधि में कलह में बढ़ोतरी होती है। इस समय व्यक्ति के परिवार, दांपत्य जीवन और ऑफिस में सुख-शांति भंग हो जाती है और कलह बढ़ने लगती है। इस स्थिति में समझदारी और होशियारी से काम करना चाहिए।
श्री शनिदेव का वाहन हाथी - शनि चालीसा के अनुसार, शनिदेव के वाहन के रूप में हाथी अशुभ होता है। यह लोगों की आशा के विपरीत फल देता है। इसके कारण व्यक्ति को निरंतर प्रयास और कड़ी मेहनत के बावजूद किसी भी कार्य में सफलता नहीं मिलती है। ऐसे समय में शांत और धैर्यवान रहना चाहिए और हार नहीं माननी चाहिए।
श्री शनिदेव का वाहन सिंह - श्री शनिदेव की सवारी सिंह हो तो शुभ फल मिलता है। यह श्री शनिदेव का एक शक्तिशाली वाहन है। शेर, व्यक्ति के व्यक्तित्व को दृढ़ इच्छाशक्ति, निडरता और शक्ति के रूप में दर्शाता है क्योंकि उसे श्री शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त हैं। वह इस समय अपने जीवन के हर मोड़ पर विजय प्राप्त करता है।
श्री शनिदेव का वाहन घोड़ा - शास्त्रों में बताया गया है कि श्री शनिदेव जब घोड़े पर सवार होकर आते हैं तो अपने साथ सुख और सौभाग्य लेकर आते हैं। एक घोड़ा प्रगति का प्रतीक है। इस समय व्यक्ति के चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा होती है और हर क्षेत्र में सफलता मिलती है।
श्री शनिदेव का वाहन गधा - जब शनिदेव का वाहन गधा होता है तो यह शुभ नहीं माना जाता है। जैसा कि गधा दुख, विनम्रता और संघर्ष का प्रतीक है। इस समय व्यक्ति के जीवन में कई समस्याएं आती हैं। उसे जीवन में हर छोटी चीज के लिए बहुत कष्ट और संघर्ष करना पड़ता है और सफलता आसान नहीं होती है। व्यक्ति को अपने कर्तव्यों का सही तरीके से पालन करना चाहिए।
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