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- 'बयां करने के लिए शब्द नहीं हैं, इस पल का इंतजार था'
जब सेंट जाकोबशेल स्टेडियम में भी भारतीय राष्ट्रगान बज रहा था तो सिंधु नम आंखों से पोडियम पर खड़ी थी।
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