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- विद्या के साथ US की परेड देखेंगे अन्ना
1965 की पाकिस्तान के साथ लड़ाई में उनकी तैनाती खेमकरण सेक्टर में थी. चौकी पर पाकिस्तान के हमले में वहां तैनात सारे सैनिक शहीद हो गए. बमबारी और सैनिकों की शहादत ने अन्ना की ज़िंदगी को हमेशा के लिए बदल दिया.
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