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- दो दिन बाद मिली एक रोटी
बहरहाल जान बच गई, मगर मलाल है कि उनके दोस्तों का कुछ पता नहीं चला है. उन्होंने अपने चार दोस्तों के साथ यात्रा की चढ़ाई 11 जून को शुरू की थी. वहां एक होटल में रुके थे. अचानक आई आपदा ने देखते-देखते सबकुछ खौफनाक मंजर में तब्दील कर दिया.
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