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- पाताल भुवनेश्वर गुफा के दर्शन

पाताल भुवनेश्वर गुफा में है कलयुग के अंत का रहस्य : इस गुफा में चारों युगों के प्रतीक रूप में 4 पत्थर स्थापित है (सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलयुग) इन चार पत्थरों को चार द्वारों का रूप माना गया है, जिनके नाम क्रमश: मोक्षद्वार, पापद्वार, रणद्वार, धर्मद्वार हैं। इनमें से युगों के प्रतीक तीन द्वार बंद हो चुके हैं। इनमें से धर्मद्वार को कलियुग का प्रतीक माना जाता है। इस पत्थर की सबसे खास बात तो यह है कि ये पत्थर लगातार धीरे-धीरे ऊपर उठ रहा है। इस गुफा के पत्थर को लेकर यह मान्यता है कि जब यह पत्थर गुफा की छत को छू लेगा। यह माना जाता है कि जिस दिन यह कलयुग का अंत हो जाएगा। पाताल भुवनेश्वर गुफा कैसे पहुंचें : पाताल भुवनेश्वर जाने के लिए रेल मार्ग से नजदीकी स्टेशन काठगोदाम है। वहां से टैक्सी द्वारा अल्मोड़ा पहुंचकर अल्मोड़ा से पाताल भुवनेश्वर गुफा जा सकते हैं। अल्मोड़ा से पाताल भुवनेश्वर की दूरी - अल्मोड़ा बेरीनाग मार्ग होते हुए 110 किमी है। अल्मोड़ा से पाताल भुवनेश्वर जाने में आपको लगभग 4 घंटे का समय लग सकता है। यदि आप हवाईमार्ग से आना चाहते हैं, तो पाताल भुवनेश्वर का निकटतम हवाईअड्डा नैनी सैनी अड्डा पिथौरागढ़ है। या पंतनगर हवाईअड्डा हैं। वहां सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं। पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से पाताल भुवनेश्वर की दूरी लगभग 90 किमी है। हल्द्वानी से पिथौरागढ़ की दूरी लगभग 200 किमी है।