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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि छात्रों के साथ सबसे बड़ा अन्याय उन्हें उनकी क्षमताओं के बजाय उनकी भाषा के आधार पर आंकना है। मोदी ने कहा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश की हर भाषा को उचित सम्मान और श्रेय देगी, जो लोग अपने स्वार्थ के लिए भाषा का राजनीतिकरण करने की कोशिश करते हैं, उन्हें अब अपनी दुकानें बंद करनी होंगी। मातृभाषा में शिक्षा भारत में छात्रों के लिए न्याय के एक नए रूप की शुरुआत कर रही है। दुनिया में भाषाओं की अधिक संख्या और उनके महत्व को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, कई विकसित देशों को उनकी स्थानीय भाषाओं के कारण बढ़त मिली है।
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