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- होली के रंगों में घुली नफासत

इरफान के अनुसार गुलाल के गोटे से होली खेलना राजस्थान की एक विषेष पहचान रही है. पुराने समय में राजस्थान के राजपूतानों में इससे होली खेली जाती थी. इससे ‘शरीर की त्वचा को कोई नुकसान नहीं पहुंचता. गुलाल का गोटा बनाने में लाख का प्रयोग किया जाता है. इस लाख को किसी पतली फूंकनी के सहारे गोलाकार रूप में फूलाया जाता है. इसके बाद इसमें विभिन्न रंगों का अबीर-गुलाल भरा जाता है. इसको सामने वाले पर फेंक कर मारने पर यह फूटता है और विविध रंगों का एक गुबार हवा में तैरने लगता है.
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