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- हिन्दी साहित्य के अमिट हस्ताक्षर प्रेमचंद
उन्होंने कुल 15 उपन्यास, 300 से ज्यादा कहानियां, 3 नाटक, 10 अनुवाद, 7 बाल-पुस्तकें और हजारों लेख, सम्पादकीय लिखे.
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