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- 'योजना आयोग के गरीबी के मापदंड हकीकत से परे'
सिब्बल ने कोलकाता में कहा था, ‘‘यदि योजना आयोग कहता है कि प्रति माह 5000 रुपए से अधिक कमाने वाले गरीबी रेखा के नीचे नहीं आते तो निश्चित ही देश में गरीबी की परिभाषा में कुछ गड़बड़ है. कोई 5000 रुपए में कैसे गुज़ारा कर सकता है?’’
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