'गंगा पुत्र' मोदी से काशी को उम्मीदें?

यह भी अपने आप में अहम सवाल है कि जल संशोधन करने के बाद उसे गंगा में छोड़ दिया जाए या फिर उसका दूसरा उपयोग किया जाए. लेकिन यह तभी संभव है, जब यह संशोधित जल पूरी तरह साफ-सुथरा और गंगा के साथ मानव जीवन व जल जंतुओं को हानि पहुंचाने वाला न साबित हो. यह एक बड़ी समस्या है. जब तक सरकार इस पर दृढ़ राजनीति इच्छा शक्ति के साथ दिल और दिमाग से काम नहीं करती, तब तक यह परियोजना फाइलों में सिमट कर रह जाएगी. क्योंकि यही हाल राजीव गांधी की ओर से चलाए गए ‘गंगा एक्शन प्लान’ का हुआ, लेकिन गंगा पर राजनीति से बात नहीं बनेगी.

 
 
Don't Miss