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- रंग के उमंग पर कोरोना का साया, होली मिलन से भी परहेज
वहीं, 10वीं कक्षा के छात्र ईशान ने बताया कि एक तो उसकी बोर्ड की परीक्षाएं चल रही है, इसलिए होली खेलने में उसकी कोई दिलचस्पी नहीं है। लेकिन ईशान दूसरे बच्चों को भी होली नहीं खेलने की सलाह देता है। उसका कहना है कि होली में चेहरे पर रंग और गुलाल लगाने की परंपरा है, जबकि कोरोनावायरस के प्रकोप की रोकथाम के लिए हाथ मिलाने के बजाय दूर से नमस्ते करने की सलाह दी जाती है, ऐसे में होली खेलने का मतलब डॉक्टरों की सलाह को नजरंदाज करना है, जो ठीक नहीं होगा।
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