रामायण,महाभारत काल से ही छठ मनाने की रही है परंपरा

रामायण,महाभारत काल से ही छठ मनाने की रही है परंपरा

छठ पूजा की धार्मिक मान्यताएं भी हैं और सामाजिक महत्व भी है। लेकिन इस पर्व की सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें धार्मिक भेदभाव, ऊंच-नीच, जात-पात भूलकर सभी एक साथ इसे मनाते हैं। किसी भी लोक परंपरा में ऐसा नहीं है। सूर्य, जो रौशनी और जीवन के प्रमुख स्रोत हैं और ईश्वर के रूप में जो रोज सुबह दिखाई देते हैं उनकी उपासना की जाती है। इस महापर्व में शुद्धता और स्वच्छता का विशेष ख्याल रखा जाता है और कहते हैं कि इस पूजा में कोई गलती हो तो तुरंत क्षमा याचना करनी चाहिए वरना तुरंत सजा भी मिल जाती है।

 
 
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