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- गुड्डे-गुड़ियों का गांव
सुकीमी को गांव के बच्चे भी याद हैं जो अब वहां नहीं रहते. उन सबकी याद को अपनी डॉल्स में सहेज कर रखना सुकीमी का सपना बन गया है. इसलिए तो उसके बनाए गए गुड्डे-गुड़िया न सिर्फ बस स्टैंड या गांव के चौराहे पर ही नहीं, बल्कि स्कूल में पढ़ते हुए बच्चों व टीचर के रूप में भी दिखाई देते हैं.
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