Adipurush Controversy: विवाद के बाद बदल गए आदिपुरुष के डायलॉग, अब भगवान हनुमान बोलेंगे...
‘आदिपुरुष’ के कुछ डायलॉग्स को लेकर लगातार हो रहे विवाद के बाद अब मेकर्स ने कुछ संवादों में बदलाव किया है।
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रामायण पर आधारित इस फिल्म की इसके खराब संवाद और ‘विजुअल इफेक्ट्स’ की खराब गुणवत्ता के लिए लोगों द्वारा आलोचना की जा रही थी।
विवादों में घिरी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर काफी अच्छी शुरुआत की थी लेकिन सोशल मीडिया पर आलोचनात्मक टिप्पणी के चलते इसकी कमाई में काफी गिरावट दर्ज की गई। यह फिल्म, अब बदले हुए संवादों के साथ सिनेमाघरों में प्रदर्शित हो रही है।
शुक्रवार को देशभर में हिंदी, तेलुगू, कन्नड़, मलयालम और तमिल में रिलीज हुई ‘आदिपुरुष’ में प्रभास राघव (राम), कृति सेनन जानकी (सीता) और सैफ अली खान लंकेश (रावण) की भूमिका में हैं।
ओम राउत द्वारा निर्देशित और टी-सीरीज़ द्वारा निर्मित बहुभाषी फिल्म ‘आदिपुरुष’ की इसके खराब वीएफएक्स और संवादों के लिए सोशल मीडिया पर आलोचना की गई। वहीं इसके संवाद लेखक मनोज मुंतशिर शुक्ला लंका दहन के दौरान भगवान हनुमान के संवादों को लेकर निशाने पर हैं।
उक्त दृश्य में, हनुमान के चरित्र के संवाद की पंक्तियां थीं: ‘कपड़ा तेरे बाप का तो जलेगी भी तेरे बाप की।’ अब इसे बदलकर ‘कपड़ा तेरी लंका का… तो जलेगी भी तेरी लंका’ कर दिया गया है।
शुक्ला ने रविवार को घोषणा की थी कि निर्माता ‘‘कुछ संवादों को संशोधित करने’’ के लिए तैयार हैं और इस सप्ताह तक फिल्म में संशोधित पंक्तियां जोड़ दी जाएंगी।
शुक्ला ने एक लंबी पोस्ट में अपना बचाव भी किया था। शुक्ला ने रविवार को अपने ट्विटर अकाउंट पर जारी बयान में कहा था, ‘‘मैं अपने संवाद के पक्ष में अनगिनत तर्क दे सकता हूं, लेकिन इससे आपका दर्द कम नहीं होगा। मैंने और फिल्म के निर्माता-निर्देशक ने फैसला किया है कि हम कुछ ऐसे संवाद में बदलाव करेंगे, जो आपको तकलीफ दे रहे हैं और उन्हें इस सप्ताह फिल्म में जोड़ा जाएगा।’’
उन्होंने लिखा, ‘‘हो सकता है, 3 घंटे की फ़िल्म में मैंने 3 मिनट कुछ आपकी कल्पना से अलग लिख दिया हो, लेकिन आपने मेरे मस्तक पर सनातन-द्रोही लिखने में इतनी जल्दबाज़ी क्यों की, मैं जान नहीं पाया।’’
उन्होंने लिखा, ‘‘आदिपुरुष में 4000 से भी ज़्यादा पंक्तियों के संवाद मैंने लिखे, 5 पंक्तियों पर कुछ भावनाएँ आहत हुईं। उन सैकड़ों पंक्तियों में जहाँ श्री राम का यशगान किया, माँ सीता के सतीत्व का वर्णन किया, उनके लिए प्रशंसा भी मिलनी थी, जो पता नहीं क्यों मिली नहीं।’’
कथित तौर पर 500 करोड़ रुपये के बजट पर बनी इस फिल्म के पीछे रहे स्टूडियो टी-सीरीज ने बुधवार को ट्वीट किया कि फिल्म ने पांच दिनों में 395 करोड़ रुपये की कमाई की है।
हालांकि इन आधिकारिक आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि सोमवार और मंगलवार की कमाई के आंकड़े फिल्म के शुरुआती सप्ताहांत में कमाई की तुलना में काफी कम हैं: पहले दिन 140 करोड़ रुपये, उसके बाद दूसरे और तीसरे दिन 100-100 करोड़ रुपये।
इसके विपरीत, ‘आदिपुरुष’ ने सोमवार को 35 करोड़ रुपये और मंगलवार को 20 करोड़ रुपये कमाये।
प्रोडक्शन बैनर ने बुधवार को यह भी घोषणा की कि दर्शक अब बृहस्पतिवार और शुक्रवार को 150 रुपये की कम कीमत पर फिल्म देख सकते हैं।
प्रोडक्शन बैनर ने ट्वीट किया, ‘‘सबसे सस्ती कीमत पर बड़ी स्क्रीन पर 3डी में महाकाव्य कहानी का अनुभव करें! टिकट 150 रुपये से शुरू हो रहा है… ऑफर आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल और तमिलनाडु में मान्य नहीं है।’’
अब इन डायलॉग्स को बदलकर ऐसे कर दिया गया है...
1. 'तू अंदर कैसे घुसा, तू जानता भी है कौन हूं मैं'...इस संवाद को अब बदलकर 'तुम अंदर कैसे घुसे, तुम जानते भी हो कौन हूं मैं' कर दिया गया है.
2.'कपड़ा तेरे बाप का...तो जलेगी भी तेरे बाप की' ...इस संवाद को बदलकर अब 'कपड़ा तेरी लंका का ...तो जलेगी भी तेरी लंका' कर दिया गया.
3. 'जो हमारी बहनों...उनकी लंका लगा देंगे' को भी बदला गया है. अब फिल्म में ये संवाद होगा 'जो हमारी बहनों...उनकी लंका में आग लगा देंगे'.
4. 'मेरे एक सपोले ने तुम्हारे शेषनाग को लंबा कर दिया' को बदलकर 'मेरे एक सपोले ने तुम्हारे शेषनाग को समाप्त कर दिया' में तब्दील किया गया है.
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