आज है फादर्स डे, फिल्मी सितारों ने ऐसे किया सल्ब्रेशन
आज है फादर्स डे। इस दिन सभी बच्चे पिता को प्यार-दुलार देते हैं और अपने हिसाब से गिफ्ट देते हैं पापा को। ऐसे में फिल्मी सितारें कैसे अपने पिता को कैसे प्यार और याद करते हैं आईए जानते हैं।
आज है फादर्स डे, फिल्मी सितारों ने ऐसे किया सल्ब्रेशन |
चिन्मयी साल्वी- हर युवा सपने के पीछे अद्भुत पिता होता है, जो अपना ज्ञान, क्षमता और अंतहीन प्यार देता है। मैं अपने पिता, मेरे मार्गदशर्क का सम्मान करना चाहती हूं, जिनके अटूट समर्थन के कारण ही मैं आज यहां मौजूद हूं। मेरे सफल होने के लिए उन्होंने जो अनिगनत बलिदान दिए हैं, उनके लिए मैं हमेशा उनकी आभारी रहूंगी। चाहे मेरे आंसू पोंछने की बात हो या मेरी खुशी में खुश होने की, वह मेरे जीवन के हर छोटे-बड़े पड़ाव में, मेरे साथ रहे हैं। मेरे ऑन-स्क्रीन पिता भी उतने ही लाजवाब हैं।
कृष्णा भारद्वाज- मेरा मानना है कि पितृत्व के सफर जैसा कोई सफर नहीं। मैं, अपने पिता, मेरे समर्थक का आभार व्यक्त करना चाहता हूं। मैं अपने अभिनय के जीन्स का श्रेय उन्हें देता हूं, क्योंकि वे इस कलात्मक सफर में मेरी प्रेरणा रहे हैं। लेकिन इससे भी बढ़कर, उन्होंने मुझे अपने काम के प्रति जुनूनी होने का महत्व सिखाया है। यहां तक कि ध्रुव तारा- समय सदी से परे में, जो 17वीं शताब्दी में है, मेरे किरदार के लिए हमें शुद्ध हिंदी में बात करनी पड़ती है और हिंदी में पीएचडी होने के नाते, पिता ने शुद्ध हिंदी बोलने का मेरा प्रशिक्षण मेरे बचपन में ही शुरू कर दिया था।
रीना कपूर- मेरे पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन जब तक वे हमारे साथ थे, हम उनके लिए कुछ न कुछ स्पेशल किया करते थे। हम सभी भाई-बहन को घर में पापा की पूंछ बुलाया करते थे क्योंकि वे जहां जाया करते थे, हम सभी पूंछ बनकर उनके पीछे चला करते थे। पापा का समझाने का तरीका बहुत प्यारा और खास था। एक रात में जब मैं दोस्तों से साथ घूमकर रात 1 बजे घर पहुंची तो पापा बालकनी में खड़े मेरा इंतजार कर रहे थे और मेरे ऊपर आते ही मुझे गुड नाइट कहकर सो गए। वो बात मुझे बड़ी लग गई, फिर सुबह मैंने उनसे पूछा क्या उन्हें मुझपर भरोसा नहीं है तो उन्होंने कहा कि तुमपर पूरा भरोसा है बेटे पर लोगों पर नहीं।
पारस अरोड़ा- मैं पिता से मिले अटूट समर्थन के लिए उनका बहुत आभार व्यक्त करता हूं। कई बार करियर बदलने के बावजूद, उन्होंने हमेशा मुझे जोखिम उठाने और अपनी खुशी को प्राथमिकता देने के लिए प्रोत्साहित किया है। मुझे अपनी मां सुशीला और अपने दादा के रूप में पिता का साथ मिला है। उनके प्यार और मार्गदर्शन ने मेरी इस कमी को दूर किया है।
शीहान कपाही- मेरे पिता मेरे सबसे बड़े समर्थक रहे हैं। जब मैं वागले की दुनिया में शामिल हुआ था तो उन्होंने ऑफिस से लंबा ब्रेक ले लिया था। उन्होंने मेरे डायलॉग्स को पढ़ने और समझने के साथ ही, सेट पर जाने से पहले मेरी स्क्रिप्ट का पूर्वाभ्यास करने में भी मेरी मदद की। उन्होंने पूरा दिन मेरे साथ सेट पर बिताया।
कृष्णा कौल- मैं अपने पिता का आभारी हूं जो हमेशा मेरे सबसे बड़े सपोर्ट सिस्टम और इंस्पिरेशन रहे हैं। मेरे पिता मेरी जिंदगी के बेमिसाल रोल मॉडल हैं। मुझे पर उनका अटूट विास और उनकी लगातार हौसला-अफजाई बहुत काम आई है। हमेशा मेरी ताकत का जरिया रहे हैं।
गश्मीर महाजनी- मेरे बेटे व्योम जब पैदा हुआ था, मैंने प्रतिज्ञा ली थी कि उसके पास वह सब कुछ होगा जो मुझे नहीं मिल पाया। पिता बनने का सफर सबसे पुरस्कृत और पूर्णता देने वाला रहा है। अब जबकि मैं अपने बेटे की समय और रिश्तों का मूल्य सिखा रहा हूं तो मैं बहुत आभारी हूं कि मेरे पिता ने मेरा मार्गदर्शन किया।
तरुण खन्ना- मैं ईमानदारी, कड़ी मेहनत और जिम्मेदारी के उन सबकों के अनुसार जीता हूं, जो मेरे पिता ने मुझे सिखाए हैं। उनके साथ अपने रिश्तों को आकार दिया है। मैं अपने बेटे को भी वैसे ही अनुशासित करने का प्रयास करता हूं। मैं अपने बेटे के लिए जरूर मौजूद रहता हूं।
आकृति शर्मा- जब भी मैं अपने पिता से दूर होती हूं, तो मुझे उनके सेंस ऑफ ह्यूमर की सबसे ज्यादा याद आती है। उनके चुटकुले हमारे परिवार को हमेशा हंसाते रहते हैं और मैंने कहा है कि उन्हें अपना कॉमेडी शो शुरू करना चाहिए। उनकी कॉमिक टाइमिंग कमाल की है।
निहारिका रॉय- मेरे पापा ने हमेशा मुझे परी की तरह ट्रीट किया है । वो मेरे हर फैसले में मेरे साथ रहे हैं और मुझे आत्मनिर्भर बनाने में भी मेरी मदद की।
अदिति शर्मा- मेरे पिता मेरी फैमिली का सपोर्ट सिस्टम हैं। मेरी प्रेरणा और मेरे मार्गदर्शक रहे हैं। मेरा मानना है कि हर सफल बेटी के पीछे मजबूत पिता होता है।
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