मशहूर नर्तक और पद्मश्री अस्ताद देबू का निधन, कई नामचीन हस्तियों ने दी श्रद्धांजलि

Last Updated 10 Dec 2020 11:47:56 AM IST

कथक और कथकली को मिला कर एक अनूठी नृत्य शैली पेश करने लिए मशहूर नर्तक अस्ताद देबू का बृहस्पतिवार को मुंबई में निधन हो गया। उनके परिवार ने यह जानकारी दी. वह 73 वर्ष के थे।


मशहूर नर्तक और पद्मश्री अस्ताद देबू का निधन

परिवार ने सोशल मीडिया पर उनके निधन की सूचना देते हुए बताया, "10 दिसंबर को तड़के वह दुनिया छोड़कर चले गए. मुंबई में अपने घर पर उन्होंने आखिरी सांस ली। कुछ समय से वह बीमार चल रहे थे." परिवार ने बताया, "वह अपने पीछे अविस्मरणीय प्रस्तुतियों की विरासत छोड़ गए हैं। कला के प्रति अपने समर्पण के कारण उन्होंने हजारों दोस्तों, प्रशंसकों के दिलों में जगह बनाई।"

परिवार ने कहा, "परिवार, दोस्त, देश-दुनिया में शास्त्रीय और आधुनिक नृत्य बिरादरी के लिए उनका जाना अपूरणीय क्षति है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे। हमें उनकी कमी महसूस होगी।"

देबू की लंबे समय से मित्र रहीं और पीटीआई की पूर्व पत्रकार पद्मा अल्वा ने बताया, ‘‘कोविड-19 संबंधी पाबंदियों के कारण देबू के अंतिम संस्कार में सिर्फ परिवार के लोग शामिल हुए थे।’’ उन्होंने बताया, ‘‘दिन में 11 बजे वर्ली में उनका अंतिम संस्कार हुआ। कोविड-19 संबंधी बंदिशों के चलते अंतिम संस्कार में सिर्फ परिवार के लोग मौजूद थे।’’

देबू के साथ कई दशकों तक अपने जुड़ाव को याद करते हुए अल्वा ने कहा कि उन्होंने ‘‘अपना एक अभिन्न मित्र’’ खो दिया। उन्होंने कहा, ‘‘अस्ताद से कुछ दिन पहले मेरी बातचीत हुई थी। वह जाने (दुनिया से) की बात कह रहे थे। सोमवार तक तकरीबन हर दिन हमारी बातचीत होती रही और अब वह कभी लौटकर नहीं आएंगे। मैंने 45 साल पुराना एक साथी खो दिया।’’

 



अभिनेता अनुपम खेर ने भी ट्विटर पर देबू को श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनकी कला को हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘आधुनिक नृत्य शैली ने अपने पुरोधा को खो दिया है और भारत ने अपनी एक सांस्कृतिक निधि को गंवा दिया है।’’

फिल्मकार नंदिता दास ने लिखा, ‘‘सुनकर झटका लगा। बचपन से ही उनकी प्रशंसक रही हूं। इस साल हमने अपने बहुत से चहेते लोगों को खो दिया है।’’

इसके अलावा संगीतकार एहसान नूरानी, कास्टिंग निर्देशक टी. जोसेफ ने भी देबू के निधन पर शोक जताया है।

देबू ने परंपरागत एवं आधुनिक शैली को मिलाकर नृत्य की एक नयी विधा तैयार की।

देबू ने परंपरागत एवं आधुनिक शैली को मिलाकर नृत्य की एक नयी विधा तैयार की. उनका जन्म गुजरात के नवसारी में 13 जुलाई, 1947 को हुआ था। देबू ने युवावस्था में गुरु प्रह्लाद दास से कथक सीखा। बाद में उन्होंने गुरु ई के पाणिकर से कथकली का प्रशिक्षण लिया।

अपनी प्रयोगधर्मी शैली में उन्होंने 70 से ज्यादा देशों में एकल, सामूहिक और युगल नृत्य की प्रस्तुतियां दीं। नृत्य के क्षेत्र में योगदान के लिए उन्हें 1995 में 'संगीत नाटक अकादमी' पुरस्कार दिया गया था. वह 2007 में 'पद्मश्री' से भी सम्मानित किए गए।

देबू ने मणिरत्नम, विशाल भारद्वाज जैसे फिल्मकारों की फिल्मों और मशहूर चित्रकार एम एफ हुसैन की फिल्म 'मीनाक्षी : ए टेल ऑफ थ्री सिटीज' के लिए कोरियोग्राफी की थी।
 

भाषा
मुंबई


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