CBSE दसवीं की परीक्षा के लिए जारी किया नया आकलन ढांचा
कक्षा नौ में पढ़ रहे छात्रों को अब दसवीं की बोर्ड परीक्षा में ''आवश्यक'' रूप से बैठना होगा और उन्हें समूचा पाठ्यक्रम पढ़ना होगा. सीबीएसई ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है.
(फाइल फोटो) |
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड :सीबीएसई: ने बोर्ड परीक्षाओं के लिए नया आकलन ढांचा जारी किया है जिसके अनुसार अगले साल दसवीं कक्षा की परीक्षा में बैठने वाले छात्रों को समूचे पाठ्यक्रम का अध्ययन करना होगा.
उत्तीर्ण होने के लिए उन्हें थ्योरी तथा आंतरिक आकलन दोनों में 33 प्रतिशत अंक हासिल करने होंगे.
सीबीएसई ने पिछले साल दिसंबर में स्कूल आधारित परीक्षा के विकल्प से हटते हुए बोर्ड परीक्षाओं को आवश्यक बनाने के अपने फैसले की घोषणा की थी.
बोर्ड द्वारा कल जारी किए गए एक परिपत्र में कहा गया, \'\'फैसले के परिणामस्वरूप, छात्रों के लिए दसवीं कक्षा में परीक्षा की दोहरी व्यवस्था शैक्षिक वर्ष 2017..18 से खत्म हो जाएगी.\'\'
नए ढांचे के अनुरूप बोर्ड परीक्षाओं के 80 प्रतिशत अंक होंगे तथा आंतरिक आकलन के 20 प्रतिशत अंक होंगे . वर्तमान स्वरूप में, यह अनुपात 60: 40 का है . थ्योरी की परीक्षाओं में समूचा पाठ्यक्रम शामिल होगा.
आंतरिक आकलन के लिए स्कूलों को वर्तमान चार फॉम्रेटिव आकलन की जगह प्रत्येक विषय में तीन नियतकालिक लिखित परीक्षाएं लेनी होंगी और अंतिम रूप से अंक देने के लिए दो सर्वश्रेष्ठ परीक्षाओं का औसत लिया जाएगा.
परीक्षाओं के अतिरिक्त, नोटबुक और विषय संबंधी गतिविधियों के लिए पांच..पांच अंक होंगे जिसमें पठन और श्रवण, प्रयोगशाला गतिविधियां और प्रैक्टिकल कार्य तथा प्रोजेक्ट कार्य को शामिल किया जा सकता है.
बोर्ड ने अनुशासन को ग्रेड विषय के रूप में शामिल किया है और छात्रों का आकलन उपस्थिति, ईमानदारी, व्यवहार, मूल्यों, शिक्षा कार्य, कला एवं स्वास्थ्य तथा शारीरिक शिक्षा के आधार पर किया जाएगा.
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