RBI MPC Meet: RBI ने लगातार 11वीं बार नहीं किया रेपो रेट में बदलाव, CRR में की 50bps कटौती
भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी बैठक के नतीजों की शुक्रवार को घोषणा हो चुकी है। इस बार भी रेपो रेट में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास |
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा की गई घोषणा के अनुसार, लगातार 11वीं बार रेपो रेट को 6.50 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है।
रेपो रेट में इस बार भी किसी तरह का बदलाव न होने को लेकर जानकार पहले से उम्मीद कर रहे थे।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि हमारी कोशिश आरबीआई अधिनियम के फ्लेक्सिबल टारगेटिंग फ्रेमवर्क का पालन करना है। प्राइस स्टेबिलिटी हमारी अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है। यह लोगों की क्रय शक्ति को प्रभावित करती है, इसलिए इसका महत्व व्यवसायों के लिए भी है। आरबीआई गवर्नर के अनुसार, सीआरआर में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती का फैसला लिया गया है, जिसके बाद कैश रिजर्व रेश्यो को घटाकर 4 प्रतिशत कर दिया गया है।
सीआरआर किसी बैंक की कुल जमा का वह प्रतिशत होता है जिसे बैंक को लिक्विड कैश के रूप में केंद्रीय बैंक के पास रिजर्व के तौर पर रखना होता है।
दास ने आगे कहा कि भारत की ग्रोथ स्टोरी जारी है। हाई फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर बता रहे हैं कि घेरलू आर्थिक गतिविधियों में आई सुस्ती चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में बॉटम आउट हो गई है। इसकी वजह त्योहारी सीजन के कारण मांग में सुधार होना और ग्रामीण गतिविधियों में तेजी आना है।
दास ने बताया कि विकास में गिरावट का कारण औद्योगिक वृद्धि दर में भारी गिरावट थी, जो पहली तिमाही में 7.4 प्रतिशत से घटकर दूसरी तिमाही में 2.1 प्रतिशत रह गई। इसका कारण विनिर्माण कंपनियों का कमजोर प्रदर्शन, खनन गतिविधियों में कमी और बिजली की कम मांग थी।
आगे कहा कि विनिर्माण क्षेत्र में कमजोरी व्यापक नहीं थी, बल्कि पेट्रोलियम उत्पादों, लोहा और इस्पात तथा सीमेंट जैसे विशिष्ट क्षेत्रों तक ही सीमित थी। औद्योगिक गतिविधि सामान्य होने और पिछली तिमाही के निचले स्तर से उबरने की उम्मीद है।
आरबीआई ने वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में जीडीपी विकास दर अनुमान को 7.4 प्रतिशत से घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है। वहीं, चौथी तिमाही के लिए जीडीपी विकास दर अनुमान को 7.4 प्रतिशत से घटाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया है। वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के लिए जीडीपी विकास दर अनुमान को 7.3 प्रतिशत से घटाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया है।
अक्टूबर की एमपीसी के बाद आरबीआई द्वारा भारत की जीडीपी विकास दर वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था, जो कि वित्त मंत्रालय के आर्थिक सर्वे के अनुमान 6.5 से लेकर 7 प्रतिशत से ज्यादा था।
मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की घोषणाओं के अनुसार, कमेटी ने स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी (एसडीएफ) को भी 6.25 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। बैंक रेट और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी को 6.75 प्रतिशत पर ही स्थिर रखा गया है। कमेटी का मानना है कि सस्टेनेबल प्राइस स्टेबिलिटी के साथ ही उच्च विकास की नींव को मजबूत रखा जा सकता है।
स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी (एसडीएफ) को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा 8 अप्रैल, 2022 को एक मौद्रिक नीति उपकरण के रूप में पेश किया गया था। एमपीसी ने वित्त वर्ष 2025 के लिए महंगाई 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में महंगाई 5.7 प्रतिशत और चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। वित्त वर्ष 2026 की पहली और दूसरी तिमाही के लिए महंगाई क्रमश: 4.6 प्रतिशत और 4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है।
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