RBI गवर्नर शक्तिकान्त ने कहा- ब्रिटेन से वापस लाए गए 100 टन सोने का कोई और मतलब नहीं निकाला जाए

Last Updated 07 Jun 2024 03:08:54 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने शुक्रवार को कहा कि केंद्रीय बैंक ब्रिटेन से 100 टन स्वर्ण भंडार भारत लाया है, क्योंकि देश में पर्याप्त भंडारण क्षमता है। इसका कोई और मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए।


आरबीआई ने वित्त वर्ष 2023-24 में ब्रिटेन में संग्रहीत अपने 100 टन सोने को घरेलू तिजोरियों में स्थानांतरित कर दिया है।

यह 1991 के बाद सोने का सबसे बड़ा स्थानांतरण है। वर्ष 1991 में विदेशी मुद्रा संकट से निपटने के लिए सोने के बड़े हिस्से को गिरवी रखने के लिए तिजोरियों से बाहर निकाला गया था।

दास ने यहां कहा कि विदेशों में रखे गए सोने की मात्रा लंबे समय से स्थिर थी।

उन्होंने कहा, ‘‘ हाल के वर्षों में आंकड़े बताते हैं कि रिजर्व बैंक अपने भंडार के हिस्से के रूप में सोना खरीद रहा है और इसकी मात्रा बढ़ रही है। हमारे पास घरेलू (भंडारण) क्षमता है।’’

गवर्नर ने कहा कि इसलिए यह निर्णय लिया गया कि भारत के बाहर रखे सोने को लाकर देश में उसको रखा जाए।

उन्होंने कहा, ‘‘ बस इतना ही। इसके और कोई मायने नहीं निकाले जाने चाहिए।’’

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में देश के कुल स्वर्ण भंडार में 27.46 टन की वृद्धि हुई और यह बढ़कर 822 टन हो गया।

सूत्रों ने बताया कि सोने का एक बड़ा हिस्सा विदेश में जमा है। अन्य देशों की तरह भारत का सोना भी बैंक ऑफ इंग्लैंड के पास जमा है।

भारत में 100 टन सोना वापस आने से स्थानीय स्तर पर भंडार में पड़े सोने की कुल मात्रा बढ़कर 408 टन से अधिक हो गई है। इसका अर्थ है कि स्थानीय और विदेशी होल्डिंग अब लगभग बराबर है।

केंद्रीय बैंक की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 2023-24 में जारी किए गए नोटों के बदले स्थानीय स्तर पर 308 टन से अधिक सोना रखा गया है। इसके अलावा 100.28 टन सोना स्थानीय स्तर पर बैंकिंग विभाग की संपत्ति के रूप में रखा गया है। कुल स्वर्ण भंडार में से 413.79 टन सोना विदेशों में रखा गया है।
 

भाषा
मुंबई


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