एफपीआई ने बाजार से Rs25 हजार करोड़ की निकासी की

Last Updated 03 Jun 2024 11:30:29 AM IST

आम चुनाव के नतीजों को लेकर अनिश्चितता और चीन के बाजारों के बेहतर प्रदर्शन के कारण विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई - FPI) ने मई में भारतीय शेयरों से 25,586 करोड़ रुपये की भारी निकासी की है।


एफपीआई ने बाजार से Rs25 हजार करोड़ की निकासी की

यह मॉरीशस के साथ भारत की कर संधि में बदलाव और अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में निरंतर वृद्धि की चिंताओं के कारण अप्रैल के 8,700 करोड़ रुपये से अधिक के शुद्ध निकासी के आंकड़े से कहीं अधिक है।

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, इससे पहले एफपीआई ने मार्च में शेयरों में 35,098 करोड़ रुपये और फरवरी में 1,539 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था। वहीं जनवरी में उन्होंने शेयरों से 25,743 करोड़ रुपये की निकासी की थी।

आम चुनाव के नतीजे चार जून को आने हैं। इससे निकट भविष्य में भारतीय बाजार में एफपीआई प्रवाह की दिशा तय होगी। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार विजयकुमार ने कहा कि मध्यम अवधि में अमेरिकी ब्याज दरें एफपीआई प्रवाह पर अधिक प्रभाव डालेंगी।

आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने मई में शेयरों से शुद्ध रूप से 25,586 करोड़ रुपये निकाले हैं। वॉटरफील्ड एडवाइजर्स के निदेशक-सूचीबद्ध निवेश विपुल भोवर ने कहा, ‘अपेक्षाकृत ऊंचे मूल्यांकन और विशेष रूप से वित्तीय और आईटी कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजों के साथ राजनीतिक अनिश्चिता की वजह से एफपीआई भारतीय शेयरों से निकासी कर रहे हैं।

इसके अलावा चीन के बाजारों के प्रति एफपीआई के आकषर्ण की वजह से भी एफपीआई भारतीय शेयरों से पैसा निकाल रहे हैं।’

विजयकुमार ने कहा, ‘एफपीआई की बिकवाली का मुख्य कारण चीन के शेयरों का बेहतर प्रदर्शन रहा है। हैंग सेंग सूचकांक मई की पहले पखवाड़े में आठ प्रतिशत चढ़ा है।’

उन्होंने कहा कि एफपीआई की बिकवाली की एक और वजह अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल का बढ़ना है। जब भी अमेरिका में 10 साल के बॉन्ड पर प्रतिफल 4.5 प्रतिशत से ऊपर जाता है, एफपीआई भारत जैसे उभरते बाजारों में बिकवाली करते हैं और अपना निवेश बॉन्ड में लगाते हैं।

भाषा
नई दिल्ली


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