पेट्रोल-डीजल उपभोक्ताओं के हितों का ध्यान रखेगी सरकार : प्रधान
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी से निशाने पर आयी सरकार ने आज कहा कि वह उपभोक्ताओं के हितों का पूरा ख्याल रखेगी.
![]() पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (फाइल फोटो) |
दोनों ईंधनों की कीमत तीन वर्ष के उच्च स्तर पर पहुँच जाने के बाद पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस पर मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया और कहा कि यह अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमतों में हुई वृद्धि का असर है. उन्होंने उम्मीद जताई कि विश्व बाजार में कच्चे तेल के दाम जल्द कम होंगे. फिलहाल अंतर्राष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड वायदा की कीमत लगभग 55 डॉलर प्रति बैरल है.
प्रधान ने यह भी कहा कि सरकार पेट्रोल और डीजल को भी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने पर विचार करेगी जिससे इनके दाम में बहुत ज्यादा अंतर नहीं रह जायेगा. अभी इन्हें जीएसटी से बाहर रखा गया है और पहले की तरह राज्य सरकारें इस पर वैट लगाती हैं जिससे राज्य दर राज्य इनकी कीमतों में भारी अंतर देखने को मिलता है.
इस साल 16 जून से देश भर में पेट्रोल-डीजल के दाम रोजाना तय किये जाते हैं. देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी ऑयल इंडिया की वेबसाइट पर दी गयी जानकारी के अनुसार इस साल 13 जुलाई के बाद से 61 दिन में पेट्रोल की कीमत एक बार भी कम नहीं की गयी. पेट्रोल की कीमत दिल्ली में 13 जुलाई को 63.91 रुपये थी जो बढ़कर 13 सितंबर को 70.38 रुपये प्रति लीटर पर पहुँच गयी है.
राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल की यह कीमत 15 अगस्त 2014 (72.51 रुपये प्रति लीटर) के बाद का उच्चतम स्तर है. हालाँकि, उस समय अंतर्राष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड वायदा की कीमत 100 डॉलर प्रति लीटर से ऊपर थी जो इस समय 55 डॉलर के आसपास है.
डीजल की कीमत 29 अगस्त के बाद से कम नहीं की गयी है. राष्ट्रीय राजधानी में इंडियन ऑयल के पेट्रोल पंपों पर इसकी कीमत 13 सितंबर को 58.72 रुपये प्रति लीटर है जो 31 अगस्त 2014 (58.97 रुपये प्रति लीटर) के बाद का उच्चतम स्तर है.
| Tweet![]() |