जीएसटी लागू, जानें क्या हुआ सस्ता और क्या महंगा
बरसों की कवायद के आखिर वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) शुक्रवार की मध्यरात्रि से लागू हो गया. जो व्यापारी टैक्स देने से बचते रहे हैं जीएसटी से उन्हें जरूर झटका लगेगा.
फाइल फोटो |
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के आज आधी रात को आजाद भारत के इतिहास के सबसे बड़े कर सुधार‘वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी)’को लागू करने की घोषणा करने के साथ ही ‘एक राष्ट्र-एक कर-एक बाजार’ की परिकल्पना साकार हो गयी.
नई व्यवस्था में कर चोरी की गुंजाइश नहीं बची है. जो व्यापारी ऐसा करेंगे, पकड़े जाने पर उन्हें गंभीर परिणाम भुगताने पड़ेंगे. इस नई अप्रत्यक्ष कर पण्राली के लागू होने रोजमर्रा की ऐसी कई वस्तुएं एवं सेवाएं हैं जो सस्ती हो जाएंगी जबकि कुछ चीजें ऊंची कर श्रेणी में आने से महंगी हो जाएंगी जिसका असर हमारी जेब पर पड़ेगा. जीएसटी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि अब तमाम कर के करों के जंजाल से मुक्ति मिल गई है.
हालांकि शुरुआत में कुछ समय तक इस पण्राली को अपनाने में समस्याएं आ सकती हैं लेकिन लंबी अवधि में इससे उपभोक्ता, उद्यमी और व्यापारी यानी सभी वगरे को फायदा होगा. कुल मिलाकर लंबी अवधि में यह व्यवस्था देश के लिए उपयोगी कदम साबित होगी.
आइए जानते है इस नई व्यवस्था में क्या-क्या सस्ता और महंगा होने जाएगा...
क्या होगा सस्ता
दोपहिया वाहन : अभी बाइक और स्कूटर पर वैट और एक्साइज ड्यूटी मिलाकर उसकी कुल लागत का 30 फीसद टैक्स लगता है जबकि इन पर 28 फीसद जीएसटी लगेगा. लग्जरी वाहनों में र्मसडिीज बेंज सी क्लास, आडी ए4, बीएमडब्ल्यू 3 सीरीज जैसी लग्जरी कारों के भी दाम घटेंगे. मौजूदा समय में लग्जरी कारों पर 44.5 फीसद टैक्स लगता है. जीएसटी के तहत यह टैक्स (सेस को मिलाकर) घटकर 43.5 फीसद हो जाएगा. जाहिर है ऑडी ए4 डीजल जैसी कारें करीब 40,000 रुपए तक सस्ती जाएंगी. जीएसटी के तहत एसयूवी भी सस्ती होंगी. एसयूवी पर अभी 48 फीसद टैक्स लगता है जो अब घटकर 43 फीसद रह जाएगा.
होटल : घूमने-फिरने वालों के लिए जीएसटी से कुछ राहत मिलेगी क्योंकि होटलों पर अब 18 फीसद टैक्स लगेगा. हालांकि 5,000 रुपए से ऊपर टैरिफ वाले होटलों पर 28 फीसद जीएसटी लगेगा. रोजाना 1,000 रुपए से कम टैरिफ वाले होटलों को जीएसटी से बाहर रखा गया है. अभी तक होटलों पर 22 फीसद टैक्स लगता था. इससे होटल में रहना किफायती हो जाएगा.
पर्सनल केयर : रोजमर्रा इस्तेमाल होने वाले साबुन, हेयर आयल और टूथपेस्ट जैसे उत्पाद जीएसटी के तहत सस्ते होंगे. जीएसटी में इन उत्पादों पर 18 फीसद टैक्स लगाया गया है जबकि अभी तक इन पर 24-28 फीसद टैक्स लगता था. इस तरह इन उत्पादों में 10 फीसद तक की गिरावट आएगी.
सिनेमा और केबल : आज से मनोरंजन के यह सारे साधन सस्ते हो जाएंगे. क्योंकि इन पर अधिकतम 18 फीसद जीएसटी लगेगा जो अभी तक राज्य सरकारों की ओर से लगाए जा रहे मनोरंजन कर से कम ही होगा. अभी तक ज्यादातर राज्यों में सिनेमा पर करीब 22-25 फीसद टैक्स लगाया जा रहा था. इससे होटल में रहना किफायती हो जाएगा.
पर्सनल केयर : रोजमर्रा इस्तेमाल होने वाले साबुन, हेयर आयल और टूथपेस्ट जैसे उत्पाद जीएसटी के तहत सस्ते होंगे. जीएसटी में इन उत्पादों पर 18 फीसद टैक्स लगाया गया है जबकि अभी तक इन पर 24-28 फीसद टैक्स लगता था. इस तरह इन उत्पादों में 10 फीसद तक की गिरावट आएगी.
सिनेमा और केबल : आज से मनोरंजन के यह सारे साधन सस्ते हो जाएंगे. क्योंकि इन पर अधिकतम 18 फीसद जीएसटी लगेगा जो अभी तक राज्य सरकारों की ओर से लगाए जा रहे मनोरंजन कर से कम ही होगा. अभी तक ज्यादातर राज्यों में सिनेमा पर करीब 22-25 फीसद टैक्स लगाया जा रहा था.
प्रोसेस्ड फूड : जीएसटी के तहत प्रोसेस्ड फूड उत्पादों पर पांच फीसद का टैक्स लगेगा. अभी इन उत्पादों पर 15 फीसद टैक्स लगता था. आने वाले दिनों में इन उत्पादों के दाम में कमी देखी जा सकती है.
स्मार्टफोन : जीएसटी लागू होने के बाद स्मार्टफोन सस्ते हो जाएंगे. अभी तक स्मार्टफोन पर 13.5 फीसद टैक्स लगता था. जीएसटी के तहत स्मार्टफोन पर 12 फीसदी टैक्स लगेगा. हालांकि आयातित स्मार्टफोन के ज्यादा दाम चुकाने पड़ेंगे.
हवाई सफर : इकनॉमी क्लास के हवाई किराए थोड़े सस्ते होंगे क्योंकि मौजूदा 5.6 फीसद टैक्स की जगह जीएसटी में पांच फीसद टैक्स लगेगा. हालांकि बिजनेस क्लास के टिकट महंगे होने जाएंगे. अभी इन पर 8.4 फीसद टैक्स लग रहा था जो कि जीएसटी में 12 फीसद गया है.
ब्रांडेड उत्पाद : जीएसटी के तहत ब्रांडेड उत्पाद सस्ते हो जाएंगे. नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में इन पर 18 फीसद टैक्स लगेगा. अभी इन पर 23 से 24 फीसद टैक्स लगता था. जाहिर इनके दाम में छह फीसद तक घट सकते हैं.
क्या होगा महंगा
- बैंकिंग, बीमा और दूरसंचार सेवाओं पर 15 फीसद टैक्स लगता था. अब इन पर 18 फीसद जीएसटी लगेगा
- अब एसी वाले रेस्टोरेंट में 18 फीसद और लग्जरी 28 फीसदी जीएसटी लगेगा. इससे रेस्त्रां में खाना-पीना महंगा हो जाएगा
- शैंपू और परफ्यूम पर 28 फीसदी जीएसट लगेगा. जबकि इस पर अभी तक 22 फीसदी टैक्स लगता था
- मोबाइल बिल पर 18 फीसद जीएसटी लगेगा जबकि इस समय मोबाइल बिल पर 15 फीसद टैक्स लगता था
- जीएसटी की व्यवस्था में दुकान या फ्लैट खरीदने पर 12 फीसदी टैक्स लगेगा जो अभी तक यह करीब छह फीसद था
- सोने पर इस समय एक फीसद उत्पाद शुल्क एक फीसद वैट लगाया जाता था जिस पर तीन फीसद जीएसटी लगेगा
- ट्यूशन फीस और सलून पर 18 फीसद जीएसटी लागू है अब तक इन पर 15 फीसद सर्विस टैक्स लग रहा था
- एक हजार से अधिक की कीमत के कपड़ों 12 फीसद जीएसटी लागू है अब तक इस पर छह फीसद टैक्स वसूला जा रहा था
क्या होगा फायदा
कानून के तहत केंद्र और राज्य सरकारें अपने हिसाब से वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स लगा सकती हैं. अगर कोई कंपनी या कारखाना एक राज्य में अपने उत्पाद बनाकर दूसरे राज्य में बेचता है तो उसे कई तरह के टैक्स दोनों राज्यों को चुकाने होते थे. इनमें कुल 17 अप्रत्यक्ष कर हैं जिनमें आठ केंद्रीय और नौ राज्यों के शामिल हैं. इसके अलावा करीब 31 उपकर हैं जिससे उत्पाद की कीमत बढ़ जाती थी. जीएसटी लागू होने से उत्पादों की कीमत कम होगी.
विशेषज्ञों के अनुसार जीएसटी के प्रभाव से देश की जीडीपी में सालाना एक से दो फीसद की वृद्धि हो सकती है. इसका लाभ देश के सभी नागरिकों को मिलेगा. करदाताओं का दायरा बढ़ने से सरकारी राजस्व में इजाफा होगा जिससे आने वाले दिनों में करों की दरें कम हो सकती हैं.
घटेगा महीने का बजट
जीएसटी प्रणाली में 81 फीसद वस्तुओं को 5 से 18 फीसद के कर दायरे में रखा गया है. इससे माना जा रहा है कि इनमें से ज्यादातर वस्तुओं के दाम घटेंगे. सस्ती होने वाली वस्तुओं की सूची में ऐसी वस्तुएं सबसे ज्यादा जिनका इस्तेमाल रोजमर्रा की जिंदगी में होता है.
ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि आने वाले महीनों में आम आदमी की रसोई का बजट कम हो सकता है.
इन पर नहीं लगेगा टैक्स
जीएसटी के तहत रोजमर्रा की कई वस्तुओं पर शून्य कर का प्रावधान किया गया है इनमें अनाज, चावल, दूध, दही, अंडे, ब्रेड, लस्सी, खुला पनीर, नमक, फूल झाड़ू, खुला आटा, खुला मैदा, खुला बेसन, दाल, सब्जियां और ड्राइंग शामिल हैं.
अनाज, चावल, फल और सब्जियों पर टैक्स न लगने से आम आदमी को राहत मिलेगी. इसके अलावा चाय, चीनी, काफी, खाने वाला तेल, दूध पाउडर, पैक्ड पनीर, काजू, किशमिश, रसोई गैस, अगरबत्ती, चटाई, और फ्लोर मैट को पांच फीसद के दायरे में रखा गया है. इससे रसोई के बजट को काबू में रखने में मदद मिलेगी.
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