फेडरल रिजर्व ने तीन महीने में दूसरी बार ब्याज दरें बढ़ायीं
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने देश की अर्थव्यवस्था और श्रम बाजार में मजबूती का हवाला देते हुये तीन महीने में दूसरी बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है.
फाइल फोटो |
फेड की दर निर्धारित करने वाली समिति ने बुधवार को समाप्त दो दिवसीय बैठक के बाद ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की. इस प्रकार अब फेड की मानक ऋण दरें एक से 1.25 प्रतिशत के बीच हो गयी हैं. उसने कहा कि इस साल वह एक बार और ब्याज दरें बढ़ा सकता है. साथ ही उसने बांडों तथा प्रतिभूतियों में इस वर्ष अपनी धारिता कम करने की भी घोषणा की है. हालाँकि, पिछले कुछ समय के आर्थिक आँकड़े मिश्रित रहे थे, फेडरल रिजर्व ने इसके बावजूद दरें बढ़ाने का फैसला किया.
दरों में बढ़ोतरी के बाद अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट देखी गयी तथा सुरक्षित निवेश माना जाने वाला सोना भी कमजोर हुआ. समिति ने अपने बयान में कहा कि अर्थव्यवस्था में मजबूती और रोजगार बढ़ने का सिलसिला बना हुआ है. साथ ही उसने यह भी संकेत दिया कि उसकी राय में मुद्रास्फीति में हालिया गिरावट अस्थायी है.
अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने पहली बार बांडों और प्रतिभूतियों की 42 खरब डॉलर की अपनी धारिता कम करने की बात कही है. इनमें से ज्यादातर 2007 और 2009 के बीच खरीदे गये थे जब देश वैश्विक आर्थिक संकट से जूझ रहा था. आरंभ में वह हर महीने छह अरब डॉलर के बांड और प्रतिभूति बेचेगा जिसमें हर तीन महीने बाद छह अरब डॉलर की बढ़ोतरी की जायेगी. यह सिलसिला 12 महीने तक चलेगा.
आर्थिक संकट के करीब एक दशक बाद फेडरल रिजर्व ने दिसंबर 2015 में दुबारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी का सिलसिला शुरू किया था. उस समय मानक दरें शून्य से 0.25 प्रतिशत के बीच थीं. तब से अब तक इसमें यह चौथी बढ़ोतरी है. फेड ने अपने बयान में इस साल विकास दर 2.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जारी किया है जो मार्च में जारी अनुमान से ज्यादा है. साथ ही उसने इस साल के अंत के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान 1.9 प्रतिशत से घटाकर 1.7 प्रतिशत कर दिया है.
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