अमेरिका की रेटिंग से भारत अप्रभावित
स्टेट बैंक ने कहा कि एसएंडपी द्वारा अमेरिका की रेटिंग घटाए जाने का भारत पर कोई असर नहीं होगा.
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उन्होंने उम्मीद जताई कि डालर शक्तिशाली मुद्रा बनी रहेगी.
स्टेट बैंक अध्यक्ष प्रतीप चौधरी ने कहा 'अमेरिका के लिये उधारी लागत कुछ फीसद बढ़ सकती है. लेकिन इससे हमारे ऊपर कोई असर नहीं पड़ेगा हमारे लिये स्थिति यथावत रहेगी.’
स्टैंडर्ड एंड पूअर्स ने अमेरिकी सरकार की 'एएए’ क्रेडिट रेटिंग घटा दी है जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था में निवेशकों को भरोसा कम होगा.
एसएंडपी ने कहा कि राजकोषीय चुनौतियों के मद्देनजर अमेरिकी नीति निर्माण और राजनैतिक संस्थाओं के बारे अनुमान लगाना आसान नहीं रहा है.
हालांकि अमेरिकी वित्त मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि एसएंडपी का निष्कर्ष दोषपूर्ण है.
चौधरी ने उम्मीद जाहिर की कि डालर विश्व की प्रमुख मुद्रा बनी रहेगी इसलिए भारत पर कोई असर नहीं होगा. उन्होंने कहा ' डालर अभी भी शक्तिशाली है और विश्व की प्रभावशाली मुद्रा है.’
चौधरी ने कहा कि ऋण संकट अमेरिका में है इसलिए अमेरिकी ऋण ज्यादा महंगा होगा.
इसलिए यदि अमेरिकी सरकार फिलहाल 10 साल के ऋण पर करीब 3 फीसद अदा कर रही है तो अब उन्हें 3. 10 या 3. 12 फीसद का भुगतान करना होगा.
इधर एक अन्य सरकारी बैंक के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि शेयर बाजार की प्रतिक्रिया जानने के लिए इसके सोमवार को खुलने तक का इंतजार करना पड़ेगा. उन्होंने कहा 'बाजार जब सोमवार को खुलेगा तब हम सही असर का पता लगा पाएंगे.’
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